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विक्कंतइ पंच दिणार तेण करमेत्तहो एत्तिउ मोल्लु जत्थ मइ पावें खंडिउ काइ वणु इय पच्छुत्तावाणलजलिय उ अवरु वि जो अस्थि उ कयकिलेसु
पाविय जा ता चितिउ मणेण । णीसेण वणहो को मुणइ तेत्थु । खंडिउ जइ तो किं दड्ढ पुणु । अप्पापउ सोयइ सो हलिउ । लद्धहो वि ण याणइ गुणविसेमु ।
घत्ता- सो अमुणियसारासारगइ हलिउ जेम दुःख हो मिलइ। अहवा पुण्णविरहियहो माणुसहो करयलाउ रयणु वि गलइ ।।१०॥ 10
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९. चंदनत्यागी कथा
मणिसेहरउ
पुगु खेयरउ । तहो वंभणहो
कह चंदणहो। पभणेइ सुहा
णिसुणेहि वुहा । पयसुहयरिहे
महुराउरिहे। उवसंतमणो
णि उ संतमणो। तहो गाढयरो
हुउ पित्तजरो। ण समेइ जरो
हुय दुक्खभरो। कुलमंति तओ
कयमंत जओ। पुरि पडहसरं
कारवइ अरं। णिव दुक्खयरं
जो हरइ जरं। तहो गामसयं
आहरण जुयं । जच्छइ णिवरो
ता वणियवरो। णइतीरु गओ
दिट्ठउ रजओ। धोवंतु जहि
चमण वि तहि। गोसीरिसयं
मिलियालिसयं। दछु मुणियं
वणिणा भणियं । णिवहो सयलं
लद्धं समलं । कहि रे रजया
तें भणिउ तया । (10) 1.b भणइ, 2.a सइ चेय for सयमेव, 3.b तो for ता, a विक्किणवि जं
लहहि, b किणिवि for गणेवि, 4.b विक्कतें, a दीणार, 5.b एत्त उ, bणीसेसय, b गणइं for मुणइ, 6.5 मई, b काइं, a ज्जइ, 7.a पच्छुत्तायावाणल०, b जलिउ, a हालिउ, 8.a inter. वि & ण, b याणइं, 10.b पुण्णुरहियमाणुसहो।
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