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________________ ११० कालेज, सातारा की सहायता अविस्मरणीय है। ग्रन्थ के संपादन में उनकी सहायता के लिए हम आभारी हैं। मेरी पत्नी डॉ. पुष्पलता जैन, अध्यक्ष हिन्दी विभाग, एस. एफ. एस. कालेज, नागपुर का भी विविध सहयोग उदाहरणीय है। धम्मपरिक्खा के प्रस्तुत प्रकाशन में मानव संसाधन विभाग, शिक्षामन्त्रालय का आर्थिक अनुदान मुख्य सहायक रहा है। तदर्थ हमारा संस्थान उसका अत्यन्त कृतज्ञ है। प्राचीन ग्रन्थों के प्रकाशन में मन्त्रालय का यह योगदान निश्चित ही प्रशंसनीय है। इसकी मुद्रण व्यवस्था में राधाकृष्ण प्रेस के श्री सेवकराम-रुक्मांगद नंदनवार बंधुओं का सहयोग भी सधन्यवाद स्मरणीय है। न्यू एक्सटेंशन एरिया, सदर, नागपुर-440 001. भागचन्द जैन "भास्कर" पालि-प्राकृत विभाग प्रमुख नागपुर विश्वविद्यालय दीपावलि : १८-१०-१९९० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003672
Book TitleDhammaparikkha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherSanmati Research Institute of Indology Nagpur
Publication Year1990
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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