________________
निचली मंजिल का बांयांभाग : .
भीतर की ओर मुड़ने पर तिरछाकार इस गुम्फा का विस्तृत बायां भाग अवस्थित है। इस भाग में एक लम्बा बरामदा है। जो नवीन खम्भों के सहारे स्थित है। इस बरामदा में तीन ओर से बेंचे है। बरामदा की छत कुछ जीर्ण-शीर्ण है। फर्स उठा हुआ
और समतल है। वर्गाकार खम्भों का चौखुटा निचला भाग मजबूत है। बरामदे के बाहर निर्भीकता पूर्वक दोनों ओर बाहर खडे हुए चौकीदार इस भाग की रक्षा करते हुए से प्रतीत होते हैं मानो वे दाहिने भाग में सामने खडे चौकीदारों के प्रतिद्वन्द्वी हों। उक्त तीन बेंचों से युक्त बरामदा के तीन ओर तीन कोठिया हैं। घनाकार खम्भों पर आधारित बरामदा की छात गिर गई है, लेकिन फर्श के चिन्हों और बगल के कूटस्तम्भों से ऐसा प्रतीत होता है कि दाहिनी भाग में जो उपलब्ध है उसके वे प्रतिरूप थे। शेर और वृषभ की आकृतियों के चिन्ह, बरामदे की छत के निकट के स्थम्भों के मध्य भाग में दृष्टि गोचर होते हैं। बरामदा की छत को संभालने के लिए आधुनिक राजगिरियो ( शिल्पकारों) द्वारा निर्मित चार खम्भे लगाये गये हैं। ठोस चट्टान को काटकर बनाये गये दरवाजों का बाजू का सिरा शीर्ष भाग पर स्तम्भों से जुड़ा है।
तीनों कमरों के फर्श और छतें दाहिनी भाग के कमरों के समान हैं। बायीं ओर की कोठी लम्बी है। इस में एक खिडकी भी है और तीन खुले दरवाजे हैं। बरामदे के पीछे वाले कमरे में तीन प्रवेशद्वार हैं। पूर्व की ओर इसी प्रकार का प्रकोष्ठ है। उसमें सुगमता से प्रवेश करने हेतु एक दरवाजा है, जो थोड़ा बन्द हैं। बरामदा के बाहर दोनों ओर चौकीदारी करते हुए चौकीदारों को तोड-फोडकर उन्हें विरुपित करदिया गया हैं। उनकी कमर में तलवार लटकती हुई दृष्टि गोचर होती हैं।
जिस कोने पर दायें और बायें भाग मुख्य भाग से मिलते हैं उस कोने पर दो छोटी छोटी कोठियां विद्यमान हैं। दाहने भाग में संलग्न प्रकोष्ठ में दो प्रवेश द्वार हैं। एक पूर्व की ओर और दूसरा दक्षिण की ओर खुला हुआ है। प्रांगण के समतल होने से दोनों का पानी बहता रहता है। बांई भाग की ओर से सटा प्रकोष्ट का पूर्व मुखी एक दरवाजा है। इन प्रकोष्ठों के बाहरी मुख पहाड़ी, झरनो, वृक्षों, हाथी, शेर,
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org