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६. ध्यान गुम्फा: आपकी शिकार
साल इस गुम्फा के नाम से ही ध्वनित होता है कि इसका उपयोग ध्यान करने में किया जाता था। इस गुम्फा का दूसरा नाम शंख गुम्फा भी है। क्यों कि इस में प्राप्त अभिलेख के अक्षर शंख के आकार के हैं। बरामदे की छत साधारण तथा समतल है। बांई दीवार पर शंख के समान सात अक्षरों का एक अभिलेख है। पीछे की दीवाल पर भी एक लाईन का अभिलेख प्राप्त है। इस में एक अक्षर प्राचीनता का द्योतक है। FE ७. नवमुनि गुम्फाः
इस गुम्फा में नवमुनि अर्थात् नौ तीर्थकरो की मूर्तियाँ स्थापित होने के कारण उक्त गुम्फा नव मुनि गुम्फा कहलाती है। इस गुम्फा में मुलत: दो दीर्घ प्रकोष्ठ थे। इन दो प्रकोष्ठों की विभाजक सामने की दीवाल दरवाजे सहित टूट जाने के कारण एक विस्तृत प्रकोष्ठ बनगया है। यह ध्यातव्य है कि सोमवंशी राजा उद्योत केशरी के समय में प्रकोष्ठों के मध्य और बरामदा की दीवाल को तोडकर उक्त प्रकोष्ठ को बड़ा किया गया है ताकि पूजार्चना की जा सके।
दाहिनी कमरे के पीछे की दीवाल पर सात तीर्थकर त्र-षभनाथ, अजितनाथ, सम्भवनाथ, अभिनन्दननाथ, वासुपूज्य, नेमिनाथ और पार्श्वनाथ योगासन अवस्था में विराजमान हैं। प्रत्येक तीर्थकर मस्तक पर तीन छत्र, नीचे चिन्ह, दोनों पार्थों में चमरधारी
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नव मुनि गुंफा में त्र-षभनाथ, अजितनाथ, सम्भवनाथ, अभिनन्दननाथ, वासपूज्य,
पार्श्वनाथ और नेमिनाथ अपनी शासन देवियों के साथ
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