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________________ बरामदा को तीन ओर से घेरे हुए बेंच है। स्तम्भों के सामने अधिकांश भाग और बरामदा के फर्श का आधुनिक ढंग से पुनरोद्धार किया गया दृष्टिगोचर होता है। या खम्भों के आन्तरिक ब्रेकेटों पर माधवीलता और एकान्तर कमल के फुलों से नक्कासी की गई है। एक वृक्ष के नीचे एक संगीत-पार्टी ने संगीत का आयोजन किया है। एक नारी नाच रही है। कोई एक पुरुष वीणा बजा रहा है। दो नारियों में से एक फूलों से भरी हुई थाली पकडे हुए है। महिला के केशविन्यास सुन्दर और अलंकारों से अलंकृत चित्ताकर्षक है। उनकी वेश-भूषा विस्मयोत्पादक है। ३. अनन्त गुम्फा की समापित 15 अनन्त शब्द के अर्थ शेषनाग, वासुकि आदि होते हैं। इस गुम्फा के तोरणों पर तीन फन वाले सर्प अंकित हैं। इसी कारण से इस गुम्फा को अनन्त या सर्प गुम्फा के नाम से जाना जाता है। ई.पू. प्रथम शताब्दी में निर्मित इस गुम्फा का महत्त्व, ऐतिहासिक, धार्मिक तथा शिल्पकला की दृष्टि, से अत्यधिक है। इस गुम्फा में एक लम्बा और संकरा (तंग) प्रकोष्ठ है। इस में चार प्रवेश द्वार हैं जिनसे कमरे के अन्दर प्रवेश किया जा सकता है। प्रकोष्ठ के सामने एक बरामदा है। बरामदा की छत अनन्त गुफा के प्रकोष्ठ की पीछे की दीवाल पर अंकित मांगलिक चिह्न एवं तीर्थंकर www.jainelibrary.org Jain Education International For Private & Personal Use Only
SR No.003670
Book TitleUdisa me Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalchand Jain
PublisherJoravarmal Sampatlal Bakliwal
Publication Year2006
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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