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बाघ गुफा
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और नाक युक्त सजीव बाघ के सिर की तरह प्रतीत होता है। इसके कमरे के सामने एक बरामदा है। प्रवेश द्वार के दाहिनी ओर एक छोटा आलेख निम्न प्रकार है। नगर अखदमस सभूतिनो लोणं । इससे ज्ञात होता है कि यह नगर के न्यायधीश समूति की गुंफा है । लेख के अन्त में त्रिभुज और स्वास्तिक का चिन्ह है। किंचित दूरी पर एक सजीव छिपकुली (गृह को किला) चित्रित है । स्तम्भों पर हाथियों के जोड़े और जानवर विद्यमान हैं। दरवाजे का तोरण सादा है। कमरे के अन्दर एक ऐसा स्थान है जैसे जीवित जानवर का गला हो ।
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१३. सर्प - गुम्फा
हाथी गुम्फा से पश्चिम में सर्प गुफा स्थित है। इसका निर्माण एक गोल चट्टान को काट कर किया गया है। यह सब से छोटी गुम्फा है। जिस पत्थर से यह निर्मित है वह चिकना है । इस में दो छाटी कोठियाँ हैं। उन में से ऊपर वाली कोठी पूर्व मुखी है। यही सर्प गुंफा के नाम से प्रसिद्ध है। उसके उत्तर मुखी प्रवेश द्वार में कोई कला नहीं है। उसी प्रवेश द्वार के ऊपर की चट्टान पर सर्प की आकृति उतकीर्णित
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