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________________ कुम्मालीन मेवाड़ में जैन धर्म 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. सन्दर्भ के. सी. जेन, जैनिज्म इन राजस्थान, सोलापुर. 1983 रामवल्लभ सोमानी, महाराणा कुम्भा, 1968, वीरभूमि चित्तोड़, 1969 तारामंगल, महाराणा कुम्भा और उनका काल, 1984 गौरीशंकर असावा, 15 वीं शताब्दी का मेवाड़, 1986 (क) राजस्थान भारती वर्ष 8, अंक 1-2 (ख) श्रनेकान्त, वर्ष 25, अंक 2 - 5 (ग) शोध-पत्रिका, वर्ष 21, अंक 3 जैन इन्स्क्रिप्सन्स श्राफ राजस्थान, जयपुर, 1982 20. 21. 22. श्यामप्रसाद व्यास, राजस्थान के अभिलेखों का सांस्कृतिक अध्ययन, जोधपुर, 1986, पृ. 98 8. एपिग्राफिका इण्डिका, भाग 11, पृ. 44 9. 10. मध्यप्रान्त, मध्य भारत मोर राजपूताने के प्राचीन जैन स्मारक, पृ. 137 राम वल्लभ सोमानी, 'महाराणा मोकल के तीन अप्रकाशित शिलालेख, शोध पत्रिका, वर्ष 1, अंक 2 115 11. नाहर, जैन लेख-संग्रह, द्वितीय भाग, पृ. 255-56 12. जंन प्रशस्ति संग्रह, भाग 1, पृ. 148 13. ओझा, राजपूताना का इतिहास, भाग 2, पृ. 630, ले. सं. 8 14. भण्डारकार जर्नल आफ रायल एशियाटिक सोसाइटी (बम्बई ब्रांच) भाग 23, पृ. 49 15. जनविद्या स्मारिका, 1987, सुखाड़िया विश्वविद्यालय, पृ. 16 16. मुनि जिन विजय, प्राचीन लेख संग्रह, लेख सं. 307 पृ. 169-71 सोमानी, महारारणा कुम्भा, पृ. 215 17 18. हरविलास शारदा, महाराणा कुम्भा, पृ. 174, लेख सं. 6 19. विजय शंकर श्रीवास्तव, 'महाराणा कुम्भा अभिलेख सूची' नामक लेख, राजस्थान भारती, 8, अंक 1-2, पृ. 147 Jain Education International रत्नचन्द्र अग्रवाल, राजस्थान भारती, कुम्भा विशेषांक, पृ. 97-98 राम वल्लभ सोमानी, महाराणा कुम्भा नागरी प्रचारिणी पत्रिका, नवीन संस्करण, सं. 1977, भाग 1, पृ. 450452 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003669
Book TitleJain Dharm aur Jivan Mulya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherSanghi Prakashan Jaipur
Publication Year1990
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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