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तेरापंथ का निर्माण व युवाकाल में प्रवेश ७३
विशिष्ट तपस्याएँ
१. मुनि माईजी ने दो बार छ: मासी (१८१-१८५ दिन) की। २. मुनि खूबजी ने एक बार संवत् १९१२ में १६३ दिन का तप किया। ३. मुनि अनोपचंदजी ने चार बार छ: मासी तप किया। एक बार सवा ___सात मासी (२१८ दिन) तप किया । ४. साध्वी मलूकोजी ने दो बार छ:मासी तप किया व एक बार चार
मासी। ५. साध्वी गेनोंजी ने तीन बार छ:मासी व एक बार चारमासी तप
किया। ६. साध्वी गंगोंजी ने १३० दिन का तप । ७. साध्वी साहस्तूजी ने १३० दिन व १६३ दिन का तप किया। ८. साध्वी रंभोजी ने १४२ दिन का व दो बार छः मासी तप किया। ६. साध्वी सुन्दरजी ने तीन बार छः मासी तप किया। १०. साध्वी जेतोंजी ने दो बार छ:मासी व एक बार १२५ दिन का तप
किया।
स्फुट तपस्याएँ
१. मुनि पोकरजी ने एक अढ़ाई मासी, तीन दो मासी व अनेक मास
खमण किए। २. मुनि पन्नालालजी ने उपवास से १६ दिन तक तपस्या की। ३. मुनि दीपचंदजी ने उपवास से लेकर १७ दिन तक की लड़ी की। ४. मुनि भीमजी ने १३ वर्ष तक चौविहार तेले किए व अन्य चौविहार
तपस्याएं की। ५. मुनि दुलीचंदजी ने १६ महीने पंचोले का तप किया। ६. मुनि पृथ्वीराजजी ने ७ वर्ष एकान्तर, १३ माह तेले तेले तप, दूध
का त्याग ४७ वर्ष, गुड-खांड का त्याग ४३ वर्ष व पांच विगय का त्याग ११ वर्ष रखा। उपवास से 8 तक चौविहार तपस्या की। ७. मुनि गणेशजी ने उपवास से २० दिन की तपस्या व कई पंचोले
किए। ८. मुनि जवानजी ने ३७ दिन की तपस्या व कई महीनों तक एकान्तर
तप किया। ६. से २३. साध्वीश्री चनणोंजी ने मासखमण, श्रीजेतोंजी ने पांचमासी, दो
छ: मासी व एक साढा छ: मासी, श्रीवन्नोजी ने मासखमण,
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