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नवयुग का उदय व विकास १३६
१४. लघुसिंह निष्कीड़ित तप परिपाटी पहली, दूसरी व चौथी मुनि हुलासमलजी
ने दूसरी व तीसरी मुनि चुन्नीलालजी ने चौथी परिपाटी साध्वी धन्नों जी
व मुखोंजी ने संपन्न की। १५. दो मास संलेखना २ घंटा अनशन-मुनि रणजीत मलजी, अठावन दिन
संलेखना पन्द्रह दिन अनशन मुनि आशारामजी, ४६ दिन संलेखना २ घंटा अनशन साध्वी ऋदुजी ४१ दिन संलेखना ३० दिन अनशन साध्वी
जडांवोंजी; ३७ दिन अनशन साध्वी छगनोंजी ने किए। १६. संवत् १९७८ बीदासर में शीतकाल में संतों में सतरंगी व सध्वियों में
नवरंगी हुई । उपर्युक्त विश्लेषण तपस्याओं से संघ की तेजस्विता व प्रखरता बढ़ी।
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