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जैन धर्म की वैज्ञानिक आधारशिला
मुद्रित करनें में अनुकरणीय श्रम किया। मैं स्मार्ट प्रोसेसिंग्स्, रीवा के प्रति इस पुस्तक की मनोहर शब्द-सज्जा के लिये तथा वर्धमान मुद्रणालय, भेलूपुर, वाराणसी के प्रति इसके सुरुचिपूर्ण मुद्रण के लिये अपना आभार
व्यक्त करना चाहता हूं ।
वाराणसी, महावीर जयंती, 23.4.2004
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सागरमल जैन सचिव पार्श्वनाथ विद्यापीठ
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