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जैनधर्म की वैज्ञानिक आधारशिला
अपनी ऊर्जा में परिवर्तित कर करते हैं। रेडियो - धर्मिता के गुण में दुर्बल न्यूक्लीय बल समाहित होता है। यहां क्रमशः विद्युत आवेशित एवं उदासीन कणों के लिये, कण Z और (W,W) दुर्बल न्यूक्लीय बल के गॉज बोसॉन है ( देखिये, चित्र 10.4 ) । गुरुत्वीय बल (देखिये चित्र 10.5) सभी बलों में दुर्बलतम होता है। यह पदार्थ के पिंड को एक साथ बनाये रखता है लेकिन कणों के द्वारा गुरुत्व या ग्रेविटॉन संचारण के लिए साक्ष्य अत्यंत ही सीमित होता है ।
के
स्केटर अ
स्केटर अ
स्केटर ब
चित्र 10.2 ब : हिम - कंदुक का विनिमय करते हुए दो स्केटर
ला.
हिम
कंदूक
नी.
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स्केटर ब
ग्लुऑन
ह.
चित्र 10.3 अपने क्वार्कों के साथ बेरिऑन ( वृत्तों में लाल -ला; हरा - ह.., नीला - नी.) और गॉज बोसॉनों - ग्लुऑनों (टेढी-मेढी रेखायें ) के साथ प्रबल न्यूक्लीय बल
इन चार प्राकृतिक बलों की सूची में हम कर्म-बल को भी जोड़ सकते हैं। कर्म-क्षेत्र भी अभौतिक प्रभावकारी क्षेत्र होते हैं जो आकाश-व्यापी
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