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जैनधर्म की वैज्ञानिक आधारशिला विभिन्न मौलिक कणों को विभेदित करने के लिये निम्न गुण काम आते हैं :
1. आवेश या अनावेश (वर्ण) 2. द्रव्यमान 3. चक्रण (प्राकृतिक या सहज कोणीय आवेग) 4. आयुष्य 5. बल (चार प्रकार के, देखिये, खंड 10.3)
यहां यह ध्यान में रखना चाहिये कि बेरिऑन का द्रव्यमान मौलिक
क्वार्क युग्म
प्रबल बल
मीसॉन
प्रोटान
न्यूट्रान
चित्र 10.1 (ब) हाइड्रोजन परमाणु के अव-परमाणुक कण : न्यूट्रॉन,
और अपने मीसॉन और क्वार्क के साथ प्रोटॉन
कणों में सर्वाधिक है जबकि लेप्टॉनों का द्रव्यमान अल्पतम है। इसके विपर्यास में, बोसॉनों का द्रव्यमान इनका मध्यवर्ती होता है। क्वार्क में छ: रस तथा तीन वर्ण होते हैं। यह वर्ण और रस का विवरण केवल प्रतीकात्मक ही है। उपरोक्त छह रसों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है u (up) और d (down) जो क्वार्क के सर्वाधिक हल्के युगल में पाये जाते हैं। यदि 'u' अप-क्वार्क का प्रतीक है और 'd डाउन क्वार्क का प्रतीक है, तो किसी भी प्रति-कण के लिये अनुरूपी संकेत "" या "d" होगा। इस प्रकार, एक धनावेशित पायोन या तो ud होगा या ud होगा। क्वार्क में पाये जाने वाले तीन वर्ण निम्न हैं: लाल, हरा और नीला। इन तीनों को 'वैद्युत वर्ण कहते हैं।
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