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'श्री रतप्रभाकर ज्ञान पुष्प माला' पुष्प नं० १६७ श्रीरत्नप्रभसूरीश्वर पादकसलेभ्यो नमः
श्रीमान् लोकाशाह
के
जीवन पर ऐतिहासिक प्रकाश
लेखक
जैनजाति महोदय, धर्मवीर समरसिंह, जैनजाति निर्णय, सिद्धप्रतिमा मुक्तावलि, गयवरविलास, शीघ्रबोध और मूर्तिपूजा का प्राचीन इतिहासादि १७१ प्रन्थों के सम्पादक एवं लेखक
श्री उपकेशगच्छीय
मुनि श्रीज्ञानसुन्दरजी महाराज
वीर सं० २४६३
दोनों पुस्तकों
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ओसवाल संवत् २३९३
ई०
० सन १६३६
प्रथमावृत्ति १०००
मूर्ति पूजा का प्राचीन इतिहास
व
श्रीमान् लोकानाह ” का
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वि० सं० १९६३
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मूल्य
रे प्रो
रु०
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