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ऐ० नो० की ऐतिहासिकता
२४८ नियम को किस तरह अपनी कुबुद्धि के पैरों तले कुचला है ? इसको हम आगे चल कर स्पष्ट करेंगे।
किसी भी व्यक्ति का इतिहास लिखने के पहिले उस व्यक्ति से संबन्धित इतिहास सामग्री की आवश्यकता रहती है किंतु लौंकाशाह का जीवन लिखते समय शाह के पास क्या सामग्री थी ? इसका खुलासा हम शाह के शब्दों से ही कर देते हैं:___x x x इतना होने पर भी हम उनके खुद के चरित्र के लिए अबी अन्धेरे में ही है x x लौकाशाह कौन थे? कब ? कहाँ २ फिरे, इत्यादि बातें आज हम पक्की तरह से नहीं कह सकते हैं । जो कुछ बातें उनके बारे में सुनने में
आती हैं उनमें से मेरे ध्यान में मानने योग्य ये जान पड़ती हैं x x
- ऐ. नो. पृष्ठ ५६ - x x x पर इस तरह का उल्लेख उनके निगुणे भक्तों ने कहीं नहीं किया कि लोकाशाह किस स्थान में जन्मे ? कब उनका देहान्त हुआ ? उनका घर संसार कैसे चलता था वे थे किस सूरत के, उनके पास कौन २ शास्त्र थे ? इत्यादि २ हम कुछ नहीं जानते हैं।
ऐ. नो. पृष्ठ ८७ में इस बात को अङ्गीकार करता हूँ कि मुझे मिली हुई हकीकतों पर मुझे विश्वास नहीं है क्योंकि हमारे यहाँ इति
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