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उपादान पर इस निमित्त का असर होगा ही । यानी उनकी मोहवासना मिटेगी
ही ।
सभा में से : उपादान की योग्यता परिपक्व करने के लिए क्या-क्या करना चाहिए ?
महाराजश्री : तीन काम करने चाहिए । तीनों समय (सुबह-दोपहर-शाम) प्रतिदिन चार शरण (अरिहंत, सिद्ध, साधु और धर्म) का स्वीकार करें, दुष्कृत्यों की आत्मसाक्षी से निंदा करें और सुकृत्यों की अनुमोदना करें । इन तीन बातों को विस्तार से समझना हो तो पंचसूत्र ग्रंथ का विवेचन पढ़े । बहुत अच्छा ग्रंथ है । उपादान की योग्यता परिपक्व करने के लिए ये तीन बातें अवश्य कर्तव्य
विशेष बातें आगे करेंगे। आज बस, इतना ही।
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प्रस्तावना
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