SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 96
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (८७) जो ब्रह्मा, विष्णु अने महेश्वर ए एक मूर्तिना त्रण विभाग के, तो परस्पर जूदानी एक मूर्ति शी रीते होइ शके ? २१. कार्य विष्णुः क्रिया ब्रह्मा, कारणं तु महेश्वरः । कार्य-कारणसम्पन्ना, एकमूर्तिः कथं भवेत् १ ॥ २२ ॥ __ जो विष्णु कार्य होय, ब्रह्मा क्रिया होय अने महेश्वर कारण होय, तो कार्य अने कारणथी बनेली एक ज मूर्ति केम संभवे ? २२. प्रजापतिसुतो ब्रह्मा, माता पद्मावती स्मृता । अभिजिजन्मनक्षत्रमेकमूर्तिः कथं भवेत् ? ॥ २३ ॥ ब्रह्मा प्रजापतिनो पुत्र के अने तेनी ( ब्रह्मानी ) माता पद्मावती कहेली छे, तथा तेनु जन्म नक्षत्र अभिजित् के, तो तेओनी एक मूर्ति केम संभवे ? २३. वसुदेवसुतो विष्णुर्माता च देवकी स्मृता। रोहिणी जन्मनक्षत्रमेकमूर्तिः कथं भवेत् ? ॥ २४ ॥ विष्णु वसुदेवनो पुत्र छे, तेनी माता देवकी कहेली छे, अने तेनु जन्म नक्षत्र रोहिणी छे, तो तेओनी एक मूर्ति केम संभवे ? २४. Jain Education International Private & Personal Use Onlyww.jainelibrary.org
SR No.003660
Book TitleVitrag Mahadev Stotra
Original Sutra AuthorHemchandracharya
Author
PublisherJain Atmanand Sabha
Publication Year1935
Total Pages106
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy