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प्रतिक्रमण सूत्र । नव प्रकार के परिग्रह का नियम न लिया । ले कर बढ़ाया। अथवा अधिक देख कर मूर्छा-चश माता, पिता, पुत्र, स्त्री के नाम किया । परिग्रह का प्रमाण नहीं किया। करके भुलाया। याद न किया । इत्यादि स्थूलपरिग्रहपंरिमाणव्रतसंवन्धी जो कोई अतिचार पक्ष-दिवस में सूक्ष्म या बादर जानतेअनजानते लगा हो, वह सब मन-वचन-काया कर मिच्छा मि दुक्कडं।
छठे दिक्परिमाणवत के पाँच अतिचार :"गमणम्स उ परिमाणे०" ॥१९॥
ऊर्ध्वदिशि, अधोदिशि, तिर्यग्दिशि जाने आने के नियमित प्रमाण उपरान्त भूल से गया। नियम तोड़ा। प्रमाण उपरान्त सांसारिक कार्य के लिये अन्य देश से वस्तु मँगवाई। अपने पास से वहाँ भेजी। नौका, जहाज आदि द्वारा व्यापार किया । वर्षाकाल में एक ग्राम से दूसरे ग्राम में गया । एक दिशा के प्रमाण को कम करके दूसरी दिशा में आधिक गया । इत्यादि छठे दिपरिमाणवतसम्बन्धी जो कोई आतिचार पक्ष-दिवस में सूक्ष्म या बादर जानते-अनजानते लगा हो. वह सब मन-वचन-काया कर मिच्छा मि दुक्कडं ।
सातवें भोगोपभोगवत के भोजन-आश्रित पाँच और कर्म-आश्रित पंद्रह अतिचार :--
"सच्चित्ते पडिबद्धे०" ॥२१॥
सचिन-खान-पान की वस्तु, नियम से अधिक स्वीकार की। साचित्त से मिली हुई वस्तु खाई । तुच्छ
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