________________
२०१
गुससे
२०० २१२
२१॥
१२२
२३२
2- L M p 0 2 " 2 7 2 43 MEET 2 2.
करे
२४०
गुस्सेंसें सुज्ञक्षिण्य . सुदाक्षिण्य
___ओरजोनिवृत्तिहे कारए
कारण मुश
मुख कौषधी
औषधी लोमोकुं
लोगोकुं धर्सप्रयोजनके धर्मप्रयोजनके समजला समजेला सुंदरसद् सुंदरसद
बार अपते
अपने ऐवं
एवं गोमाया
गोयमा गोंयमा
गोयमा निस्से
तिस्से पडिवन्नमसंग्रहं पमिवन्नमसंग्गरं गेते
गेडे शश्रूषा
शुश्रूषा जैनमतकों बा शिष्योके वास्ते
वाते मानमें
मानने यढके
पढके
२४३ २५४
२४६
२५
श्वए २४ए २५३ २६२ २६३ २६५ २६४ २६६ शक्षए
s
दो
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org