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मंदिर के परिकर में काल कि अद्भुत प्रस्तुति हुई है। नृत्य करती हुई देवांगनाओं का विविध रूप आंख, नाक एवं शरीर के अन्य अंगों के उत्कीर्णन में गुजरात के कलाकारों ने अपनी अनूठी कला की प्रस्तुति की है। परिकर में सैकड़ों नृत्यांगनाओं की मूर्तियां होंगी, लेकिन प्रत्येक प्रतिमा कला की दृष्टि से परस्पर भिन्न है।
यह चार मंजिला मंदिर चंदनवर्ण के पाषाण से निर्मित किया गया है। नयानाभिराम गंगनचुंबी शिखर को देखकर यों लगता है, “मानो यह जंगल में मंगल का प्रतीक बनकर विश्व-शांति का संदेश प्रसारित कर रहा है।
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प्रतिष्ठित हैं प्रतिमा में प्राण
श्री सहस्त्रकूट मंदिर
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