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नावल :- यह चैयार से ८ किलोमीटर पर है। यहाँ पर एक छोटा सा गाँव है। इसमें एक २५०० वर्ष पूराना जिनमन्दिर है । यहाँ कई विद्वान् हुए हैं। इस मन्दिर के मूलनायकं वासुपूज्य भगवान् है । धातु की मूर्तियां भी है । ताड़पत्र की कुछ प्रतियाँ है । शासन देवी-देवता है । मन्दिर की परिस्थिति साधारण है । यहाँ २५ जैन परिवार है । महासभा से अनुदान दिया गया है ।
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वेलले :- यह चैयार से ६ कि.मी. की दूरी पर है। यहाँ १२ जैन परिवार है। छोटा सा २००० वर्ष प्राचीन जिनालय है । जीर्णोद्धार चल रहा है। महासभा की सहायता मिली है । मूलनायक पार्श्वनाथ भगवान् है । धातु की मूर्तियाँ भी है । शासन देवता की मूर्ति है। यहाॅ के लोगों में धर्म की अभिरुचि साधारण है । धर्म प्रचार की आवश्यकता है ।
वेलियनल्लूर :- यह करन्दै से ६ कि. मी. पर है। यहाॅ एक प्राचीन मन्दिर है । मूलनायक महावीर स्वामी है । धातु की प्रतिमायें हैं। शासन देवताओं की मूर्तियाँ है। यहाॅ करीब ३० दिगम्बर जैन परिवार है । मन्दिर पर शिखर नहीं है । मन्दिर की हालत ठीक नहीं है । पूजापाठ भी बराबर नहीं चलता है। जीर्णोद्धार की जरूरत है।
वेण्बाक्कं
यह बड़ा गाँव है । तिरुप्पणमूर से दो किलोमीटर पर है। यहाॅ एक जिनमन्दिर है । अतिप्राचीन है । मूलनायक चन्द्रप्रभु भगवान् हैं । अन्य धातु की प्रतिमायें हैं। शासन देवताओं की प्रतिमाये भी है । देवी कुष्माण्डिनी का अलग मन्दिर है । मन्दिर की व्यवस्था अच्छी है । इसको महासभा की सहायता मिली है। साफ सुथरा है । प्रवेशद्वार का गोपुर बनवाकर कलश चढाया गया है। यहाॅ ३० जैन परिवार है। संपन्न भी है। धर्म के प्रति अभिरुचि है ।
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