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________________ पेरणमल्लूर :- यहाँ आदिनाथ भगवान् का जिन मन्दिर है। धातु की २० प्रतिमायें हैं । शासन देवताओं की मूर्तियां हैं । मन्दिर सुरक्षित है । चार-पाँच साल पहले इसकी पंचकल्याण प्रतिष्ठा हुई थी । यहाँ करीब ४० जैन परिवार है। धर्म के प्रति अभिरुचि साधारण है। धर्म प्रचार की बड़ी आवश्यकता है। मलपन्दल :- यह छोटा सा गाँव है । यहाँ एक जिनमन्दिर है । मूलनायक आदिनाथ भगवान् है, अन्य धातु की प्रतिमायें हैं । शासन देवताओं की प्रतिमायें भी है। इस गाँव में २० श्रावकों के घर है । मन्दिर का सुधार आवश्यक है । धर्म प्रचार भी अत्यावश्यक है । कोईलांबूण्डि :- यह मेलपन्दल से एक किलोमीटर पर है। यहाँ जैनों के घर नहीं है। पहले रहे होंगे। प्राचीन जिनमन्दिर है। पुरातन मूर्तियां हैं । चतुर्थ काल की बतलाते हैं । मूलनायक भगवान् महावीर स्वामी है। इसे करीब डेढ़ हजार वर्ष प्राचीन स्थल बतलाते हैं । मन्दिर की अवस्था ठीक है परन्तु शिखर की हालत शोचनीय है, जीर्णोद्धार की आवश्यकता है। ब्रह्मदेव और धर्मदेवी के पृथक् मन्दिर है। वालप्पन्दल :- यह आरनी के पास है । यहाँ एक जिनमन्दिर है । मूलनायक आदिनाथ भगवान् है । धातु की १० प्रतिमायें हैं । तामिलनाडु के हर एक गाँव में जैन मन्दिर अवश्य रहता है । जैनी लोगों को मन्दिर और जिन भगवान् के प्रति श्रद्धा अटूट है । यहाँ के मन्दिर के जीर्णोद्धार की बड़ी आवश्यकता है। यहाँ जैनों के २० परिवार है। धर्म की अभिरुचि कम है। 67 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003645
Book TitleTamilnadu Digambar Tirthkshetra Sandarshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatvarshiya Digambar Jain Mahasabha Chennai
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year2001
Total Pages192
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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