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जन्म सफल करो! की जीससे अष्ट कर्मका नाश से अल्प भवों में शिव-संपद-सुख प्राप्त करें।
भोजन कीया हुआ जूठा और रसोइ के बरतन कलाकों के कलाक तक पड़ा रहनेसें उनमें त्रस जीवों पड कर अपना प्रिय प्राण गुमाते है । और जूठे बरतनों में दो घडी अंदाजन में समुर्छिम जीवोंकी उत्पत्ति होती है। जीससे शिघ्रही मांज के मुखाले कर रख देना। पानी छानना, चूला साफ करना, तरकारी शाक आदि साफ करना, लकडी, कंडे, वगेरे देखनेका काम नौकर या रसोया के विश्वास पर छोडनेसें अनेकजीवोंकी नित्य हानि हो जाती है। जीसें गृहिणी (स्त्री) ने खुद ही स्वयं करने जैसा हो वो बने वहांतक प्रमाद छोडकर स्वयं करना । और नोकर के पास कराना होता तो भी बने वहांतक पासमें खडा रह कर संमाल पूर्वक करवाना-और नोकरोंको भी उपदेश देकर खूब कालजी पूर्वक कराना उचित्त है । सुज्ञेषु किं बहुना?
अध्याय १० वा. - "सुज्ञ श्राविका बहिनों को अवश्य ध्यानमें रखने योग्य सूचनाएँ"
जैसाकी राज्यमें मंत्री प्रधान होता है, वैसाही घरमें स्त्रीका प्रधान स्थान है । जीससे स्त्री वर्ग इस "अभक्ष्य अनंतकाय"
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