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केळे
२ कारेले
मीठा लींबु ३ कंटोले
पोपैया ४ गलके
सफरजन ५ गुवारकी सिंग
पीचीज ६ 'कच्चे गुंदे
चीकु ७ हरे चने
केरीकी जात ८ खरबुच (आरियां) बिना मूल पानकी. जमरुख ९ चोली
अनेनस १० 'कच्चे टमेटे
कोठफळ ११ टीडोरे (मुफेद) १२ डाळां
दाडीम १३ डोडी
आबळे १४ तलीयुं-भुजीयाँ, सकरटेटी नारंगी, (संतरा) १५ तुरी
नरीयल, कच्चा-पक्का १ कच्चे गुंदे को तोड के उनमें का बीज उसी वखत राख में डाल देना. क्युं की वो खानेका पदार्थ समज के उनके पर मक्खी
बैठती है. और उनकी पांख चीपट में अटक जाने से वो उठ सकती • नहिं है। फीर वो मर जाती है, जोसें खास उपयोग रखना.
२ कीतने मुनिमहाराजों कच्चे टभेटे भी ज्यादा बीज वाले होनेसें अभक्ष्य होने का फरमातें है। देशी वैद्यक में उनको बेंगनकी जाति कहनेको बात भी सुनने में आइ है । बहुश्रुत पुरुषोंसें नक्की कर लेना।
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