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चैत्यवंदन
चंद्र प्रभ जिन आठमाओ, उत्तम पद दातार, पद्मविजय कहे प्रणमि, मुज प्रभु पार उतार...३...
सुविधिनाथ नु [६] सुविधिनाथ नवमां नम, सुग्रीव जस तात, मगर लंछन चरणे नमुं, रामा रूडी मात...१... आयु बे लाख पूरवतणुं, शत धनुषनी काय, काकंदी नयरी धणी, प्रण, प्रभु पाय...२... उत्तमविधि जेहथी लडोओ,तेणे सुविधि जिनमाम, नमतां तस पद पद्मने, लहिये शाश्वत धाम...३...
शीतलनाथ - [१०] नंदा दृढ रथ नंदनो, शीतल शीतलनाथ, राजा भद्दिलपुर तणो, चलवे शिव साथ...१ लाख पूरवनुं आउखं, नेवू धनुष प्रमाण, काया माया टालीने, लह्या पंचम नाण...२... श्रीवत्स लंछन सुंदरू अ, पद पर्दो रहे जास, ते जिननी सेवा थकी, लहिये लील विलास...
श्रेयांसनाथ - [११] श्री श्रेयांस अग्यारमा, विष्णु नृप ताय, विष्णु माता जेहनी, अॅशी धनुषनी काय...१... वरस चोराशी लाखन, पाल्थु जेणे आय, खडगी लंछन पद कजे, सिंहपुरी नो राय...२... राज्य तजी दीक्षा वरीओ, जिनवर उत्तम ज्ञान, पाम्या तस पद पद्मने, नमतां अविचल थान...३...
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