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चैत्यवंदन विमलनाथ नु [१३] अष्टम स्वर्ग थकी चवि, कंपिलपुरमा वास, उत्तर भाद्रपद जनि, मानव गण मीन राश...१... योनि छाग सुहंकरू, विमलनाथ भगवंत, दोय वरस तप निर्जले, जंबू तले अरिहंत...२... षट सहस मुनि साथशं, विमल-विमल पद पाय, श्री शुभ वीरने सांइशुं, मलवान मन थाय...३...
अनंतनाथ नु [१४] देवलोक दशमा थकी, गया अयोध्या ठाम, हस्ति योनि अनंतने, देव गणे अभिराम...१... रेवती) जनम्या प्रभु, मोन राशि सुखकार, त्रण्य वरस छद्मस्थमां, नहीं प्रश्नादि उच्चार...२... पीपल वृक्षे पामिया, केवल लक्ष्मी निदान, सात सहसशुं शिव वर्या, वीर कहे बहुमान...३...
धर्मनाथ नु [१५] विजय विमान थकी चव्या, रत्नपुरे अवतार, धर्मनाथ गण देवता, कर्क राशि मनोहार...१... जनमिया पुष्य नक्षत्रमां, योनि छाग विचार, दोय वरस छद्मस्थमां, विचर्या धर्म दयाल...२... दधिपर्णाधो केवली, वीर वर्या बह ऋद्ध, कर्म खपावीने हुवा, अडसय साथे सिद्ध...३...
__ शांतिनाथ नु [१६] सर्वारथसिद्ध थकी, चविया शांति जिनेश, हस्तिनापुर अवतर्या, योनि हस्ति विशेष...१...
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