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चोवीसी
. [३७] ... संभवनाथ नु [३] सत्तम गेविज चवन छे, जनम्या मृगशिर मांहि, देव गणे संभव जिना, नमिले नित उत्साही... सावत्थी पुर राजीयो, मिथुन राशि सुखकार, पन्नग योनि पामिया, योनि निवारणहार...२ चउद वरस छद्मस्थमां, नाण शाल तरु सार, सहस व्रतीशुं शिव वर्या, वीर जगत आधार...३... ..
अभिनंदन नु [४] चव्या जयंत विमान थी, अभिनंदन जिनचंद, पुनर्वसुमां जनमिया, राशि मिथुन सुख कंद... नयरी अयोध्यानो धणी, योनि वर मंजार, उग्र विहार तप तप्या, भूतल वरस अठार...२... वली रायण पादप तले, विमलनाण गणदेव, मोक्ष सहस मुनिशं गया, वीर करे नित्त्य मेव...३...
सुमतिनाथ नु [५] सुमति जयंत विमानथी, रह्या अयोध्या ठाम, राक्षस गण पंचम प्रभु, सिंह राशि गुण धाम...१... मघा नक्षत्र जनम्या, मूषक योनि जगदीश, मोह राय संग्राममां, वरस गया छवीश...२. जित्यो प्रियंगु तरु ओ, सहस मुनि परिवार, अविनाशी पदवी वर्या, वोर नमे सो वार...३...
पद्मप्रभु नु [६] ग्रैवेयक नवमे थकी, कोसंबी घर वास, राक्षस गण नक्षतरु, चित्रा कन्या राश...१...
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