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चैत्यवंदन
'महावीर स्वामी नुं [२४] शुदि आषाढ छठ दिवसे, प्राणतथी चविया, तेरश चैत्र शुदि दिने, त्रिशलाओ जणिया ... १... मृगशिर वदि दशमी दिने, आपे संयम आराधे, शुदि दशमी वैशाखनी, वर केवल साधे...२... काति कृष्ण अमावासिओ, शिवगति करे उद्योत, ज्ञानविमल गौतम लहे, पर्व दीपोत्सव होत...३.... वीरविजयजी कृत चोवोशी
श्री ऋषभदेव नु [१]
सर्वारथ सिद्धे थकी, चविया आदि जिणंद,
प्रथम राय विनीता वसे, मानव गण सुख कंद...१... योनि नकुल जिणंदने, हायन ओक हजार, मौनातीते केवली, वड हेठे
निरधार...२...
उत्तराषाठा जनम छे, धन राशि अरिहंत, दश सहस परिवारशुं वीर कहे शिव कंद...३... अजितनाथ नुं [२]
आव्या विजय विमानथी, नयरी अयोध्या ठाम, मानव गण रिख रोहिणी, मुनिजनना विश्राम... १... अजितनाथ वृष राशिओ, जनम्या जगदाधार,
योनि भुजंगम भयहरू, मौने वर्ष ते बार...२... सप्तपरण तरु हेठले ज्ञान महोत्सव सार, ओक सहसशुं शिव वर्या, वीर धरे बहु प्यार...३...
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