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चोवीसी
वासुपूज्य नु' [१२] देवलोकथी दीपती, नगरी वर चंपा, वासुपूज्य जिन जन्मठाम, वसे लोक सुचंपा ...१... वसुपूज्य राजा राजीओ, जया जस पटराणी, सीत्तेर धनुष देह रातड़ी, महिष लंछन जाणी...२... वर्ष बहोंतेर खाखनुं ओ, आयु कहे जगनाथ, रूपविजय कहे नित्य जपो शिवपुर मारग साथ...३. विमलनाथ नुं [१३]
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वंदो विमल जिनेंद्र चंद्र, सुख संपत्ति दाता, कंपिलपुर कृतवर्म राय, श्यामा जस माता...१... साठ धनुष पर देह मान, दीपे विख्याता, सुवर्ण वर्ण विराजमान गुण सुर नर गाता...२... साठ वर्ष लक्ष आउखुंओ, सुवर लंछन पाय, विनयविजय उवज्झायनो, रूपविजय गुण गाय...३... अनंतनाथ तु [१४]
अनंत जिनेश्वर चौदमा, अयोध्याओ अवतरिया, सिंहसेन कुल केशरी, सुजशा उरे धरिआ... १... देह धनुष पचास मान, गुणसूत्रे भरिआ, वर्ष त्रीश लाख आउखे, श्री केवल वरिआ... २... सिंचाणो लंछन सही अ, कनक वर्ण प्रभु देह, रूपविजय कहे साहिबा, तुज शुं अविहड नेह...३.. धर्मनाथ [१५]
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धर्म धुरंधर धर्मनाथ, धर्म सुव्रता माया, भानुराय सुत भानु जेम, सुरवधु हुलराया...१...
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