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[ १४ ]
चैत्यवंदन
धनुष पणवीस उजात तनु अ, कुंभ लंछन वर पाय, वरस पंचावन सहस आय, मान कहे सुपसाय... ३ मुनिसुव्रत स्वामी नु [२०]
श्री मुनिसुव्रत सुव्रतो, नमिओ दुःख गमिओ, वमिओ पाप मिथ्यात्वने, शिवपुरमा रमिओ...१... राजगृही राजा सुमित्र, पद्मा तनु जनमा, वीश धनुष तनु कृष्णवर्ण, शिव कमला सद्द्म...२... वरस सहस त्रीश आउखुओ, लंछन कुर्म सुचंग, मानविजय प्रभु प्रणमता, नित नित नव-नव रंग...३... नमिनाथ तु [२१]
नमिओ श्री नेमिनाथने, शिवसाधन कामे, प्रभुने नामे ठाम ठाम, रहिओ आरामे... १. मिथिला नयरी विजयराय वप्राओ प्रसव्यो,
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वरस सहस दश आय तनु, हेम कान्ति ठव्यो...२... पन्नर धनु उन्नत तनु ओ, लंछन नील सरोज, रहेता प्रभु पद पंकजे, मानविजयने मोज...३... नमिनाथ [२२]
भाव धरी भविया भजो, श्री नेमि जिणंद, समुद्रविजय राणी शिवा, मनमोहन चंद...१... जस दश धनु तनुमान वान, उमह्या घन सरीखो, शंख लंछन लंछन सोहामणो, देखीने हरखो...२... जीवित वरस सहसनुंओ, शौरीपुरी उत्पन्न, मान कहे जिनवर नमे, ते नरनारी धन्न...३...
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