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________________ पर्वमाला सहस पंचाणु वरसनु, पाली निर्मल आय, समेतशिखर तीरथ कर्यु, आप ठवि प्रभु पाय... ४... वैशाख वदि अकम दिन, साथै सहस मुणिंद, अविनाशी अरिहंत थया, चरण नमे सूर्य चंद्र... ५... बीज नुं चत्यवन्दन दशमा शीतलनाथ शीतल, मोक्षपुर पावनकरं, असित माधव द्वितिया प्रणमो, बीज कल्याणक वरं... १... अभिनंदन जिननाथ जनम्या, माघ द्वितिया सितवरं, ज्ञान वरिया वासुपूज्य, माघ शुदि बीजे परं ... २.. फागुन श्रावण शुक्ले चविया, सुमति ने अर जिनवरं, रवि उदये नित्यनाथ नमिओ, बीज कल्याणक वरं..३... त्रीज तु चैत्यवन्दन श्रावण वदि श्रीजे नमो, श्रेयांसनाथ निर्वाण, समेतशिखर गीरि उपरे, सहस मुनि गुणखाण... १... माघ सीत त्रीज जनमोया, धर्म विमल जिनराय, कार्तिक शुद्धि त्रीजे थया, सुविधि ज्ञानीराय...२... चैत्र शुक्ल तृतीया दिने, कुन्थु केवलज्ञान, रवि उदयें शिर नामिये, वरवा निर्मल नाण... चोथ तु चत्यवन्दन दुः कृतनाशी सुख विलासी, विमलगोरि वंदन करं, नरनाथ सुरपति सकल प्रणमे, आदिनाथ जिनेश्वरं ... १ असित चोथ अषाढ़ मासे, च्यवन कल्याणक वरं, चैत्र मासे असित चोथे, पार्श्व जिन जननी उरं...२... For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org [३१] Jain Education International ...
SR No.003634
Book TitleChaityavandan Parvamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAbhinav Shrut Prakashan
Publication Year
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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