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पर्वमाला
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अकलंक शुभंकर सुप्रताप, ब्रह्मेन्द्र गुण गांगिक, सांप्रत मुनि विशिष्ट जिन, पाम्या पुन्यनी नीक...५... सुमदु व्यक्त कलाशत, अरण्य योग अयोग, परम सुधारति निकसे, तेम पाम्या शिव संयोग...६... सर्वार्थ हरिभद्र मगधाधिप, प्रयच्छ अक्षोभ मलयसिंह, दिनरूक धनद पौषथ तथा, जपतां सफली जेह...७... प्रलंब चारित्रनिधि प्रशमराजित, स्वामी विपरीत प्रसाद, अघटित भ्रमणंद्र ऋषभचंद्र, समर्या शिव आस्वाद...८... दयांत अभिनंदन रत्नेशनाथ,श्यामकोष्ट मरुदेव अतिपाव, नंदिषेण व्रतधर निर्वाण तथा, थाये शिवसुख आश...६... सौंदर्य त्रिविक्रम नरसिंह, क्षेमंत संतोषि कामनाथ, मुनिनाथ चंद्रदाह, दिलादित्य, मलियो शिवपुर साथ.१०. अष्टाह्निक वणिक उदयनाथ, तमोकंद सायकाक्ष खेमंत, निर्वाण रविराज प्रथम, नमतां दुःखनो अन्त...११... पुरुरवास अवबोध विक्रमेंद्र, सुशांति हरदेव नंदोकेश, महामृगेन्द्र अशोचित धर्मेन्द्र, संभारो नाम निवेश..१२... अश्ववन्द कुटिलक वर्धमान, नंदिकेश धर्मचंद्र विवेक, कलायक विसोम अरणनाथ, समयं गुण अनेक...१३ ... त्रणे पदे त्रण चोवीशीओ, पदे-पदे कोठो जाण, चोथा पदमां भावना, आराधो गुण खाण...१४... दोढसो कल्याणक तणो, गुणनो ओ मनोहार, चित्त आणी ने आदरो, जिम पामो भवपार...१५... जिनवर गुणमाला, पुन्यनो मे प्रनाला,
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