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शुके जांबु जाणी गले दुःख पायो,
प्रभु लालचे जीवडो ओम वाह्यो... ५...
भम्यो भर्म भूल्यो रम्यो कर्म भारी, दया धर्मनी शर्म में न विचारी, तोरी नम्रवाणी परम सुखकारी, तिहुं लोकना नाथ में नवि संभारी... ६... विषय वेलडी शेलडी करीय जाणी, भजी मोह तृष्णा तजी तुज वाणो, अहवो भलो भुंडो निजदास जाणी,
प्रभु राखिये बांहीनी छांय प्राणी... ७...
मोरा विविध अपराधनी कोडि सहीओ,
चैत्यवंदन संग्रह
प्रभु शरण आव्या तणी लाज वहीओ, वली घणी घणी विनती ओम कहीओ,
मुज मानससरे परमहंस रहीओ... ८... ओम कृपा मुरत पार्श्वस्वामी मुक्तिगामी ध्याइओ, अति भक्ति भावे विपत्ति जावे परम संपत्ति पाइये, प्रभु महिमासागर गुणवैरागर पास अंतरिक्ष जे स्तवे, तस सकल मंगल जयजयारव आनंदवर्धन विनवे ... ६...
[६] सेवो पास शंखेसरो मन शुद्धे,
नमो नाथ निश्चे करी ओक बुद्धे, देवी देवला अन्यने शं नमो छो,
अहो भव्यलोको भूला कां भमो छो... १...
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