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चैत्यवंदन संग्रह मेरु वैताढ्य वखारा कंचन,
यमक कुंड द्रह जाणुं, रूचक कुंडल नंदीसर प्रमुखे,
___ सुंदर अशी चेइआणं...सही...३ तिलख इक्यासी सहस चारसो,
अॅशी अधिक बिंब जाणं, रूचक कुंडल नंदीसर प्रमुखे,
सुंदर अंशी चेइआणं...सही...४ अडशत नव सहसा चालीशा,
बिंब तणुं परिमाणं, सग्वाले बत्रीशसें गुणसट्टी,
तिर्यग् लोके चेइआणं...सही...५ प्रतिमा त्रणलख सहस अकाj,
चउसय तेवीश परिमाणं, साठ चोबारा अवर तिबारा,
रूचक कुंड नंदि ठाणं...सही...६ बार देवलोके नव ग्रैवयके,
अनुत्तर पंच विमाणं, लाख चोराशी सहस सत्ताj,
वीश चेइ जाणुं...सही...७ ओक सो बावन कोडि लख चोराणु,
सहस चुमालीस आणुं, सातसो साठ उपर उर्ध्व लोके,
जिन पडिमा मन आणु...सही...८
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