________________
प्रकार्तिको पूनमे पटदर्शन-सिद्धाचल आराधना करनारा
33
बाल ब्रह्मचारी श्री नेमिनाथाय नमः
श्री आनंद क्षमा ललीत सुशील सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः अभिनव श्रुत प्रकाशन का अभिनव नजराना
शत्रुंजय
र
भक्ति
संपादक
मुनिश्री दीपरत्नसागर (M.Com.M.Ed.)
अभिनव लघुप्रक्रिया-संस्कृत व्याकरण के सर्जक
ש
नवाणु यात्रा करनारा, पूनम करनारा के लिए
Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org