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आठवां प्रकरण २.९८-३६८
सूत्र २९८-३०७ सात नाम (स्वर मण्डल)
अजीव निश्रित सप्त स्वर
१. जिह्वा का अप्रभग । २. वक्ष स्थल
सात स्वरों के जीव निश्रित
उदाहरण | २. मयूर
१. मृदंग
२. गोमुखीवाद्य
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४.जिह्वा का मध्य भाग
३. शंख
४. झालर.
५. नासिका ६. दतौष्ठ-संयोग ७.मूर्धा
१. सहजवृत्ति/आठ २. ऐश्वर्यशाली ... श्रेष्ठ आजीविक |४. सुख जीवी ५. भूपति, शूरवीर, ६. कलहप्रिय, शाकु
५.गोधिका
५. कोयल ६. सारस या क्रोच
६. आडंबर (नंगाड़ा)
स्वर-स्थान
७. हाथी
७. महाभेरी
१.षड्ज
७. चांडाल, चोर ति
सात स्वर लक्षण
२.ऋषभ
सात नाम स्वर मण्डल
सात स्वर के ग्राम
३. गांधार
मध्यम
४. मध्यम
गांधार
५.पंचम ६. धैवत ७.निषात
गीत गायक की योग्यता गीत के दोष गीत के गुण गीत के वृत्त-छन्द गीत की भाषा गीत गायक के प्रकार
सूत्र ३०८-३१८ आठ नाम एवं नौ नाम
१.वीर रस
| २. शृंगार रस
निर्देश में प्रथमा उपदेश में द्वितीया करण में तृतीया संप्रदान में चतुर्थी अपादान में पंचमी सम्बन्ध में षष्ठी आधार में सप्तमी सम्बोधन में अष्टमी
३. अद्भुत रस ४. रौद्र रस ५.वीडनक रस ६.बीभत्स रस
आठ नाम वचन विभक्तियाँ
नौ काव्य रस
आठ एवं नौ नाम
७. हास्य रस
८. कारुण्य रस
९.प्रशांत रस
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