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________________ अंतर आदि पर विचार । १२६ उदार सकायिक जीवों के प्रकार । (४०) २४८, २४६ जीवाजीव के ज्ञान पूर्वक संयम का निर्देश । २५० -२५५ संलेखना विधि । १२७- १३५ द्वीन्द्रिय-काय के उत्तर-भेद, गति, स्थिति, कायस्थिति, अंतर आदि पर विचार | १३६-१४४ त्रीन्द्रिय-काय के उत्तरर-भेद, गति, स्थिति, कायस्थिति, अंतर आदि पर विचार। १४५-१५४ चतुरिन्द्रिय-काय के उत्तर-भेद, गति, स्थिति, कायस्थिति, अंतर आदि पर विचार । १५५ पञ्चेन्द्रिय के चार प्रकार । १५६-१६८ नरकों के नाम-निर्देश । नैरयिक जीवों की स्थिति, कायस्थिति, अंतर आदि पर विचार | आयु, कायस्थिति १७०- १७१ पञ्चेन्द्रिय तिर्यंच के प्रकार और अवांतर भेद । १७२- १७८ जलचर जीवों के प्रकार काल विभाग, तथा अंतर का निर्देश । १७६ १८७ स्थलचर जीवों के प्रकार काल विभाग, आयु, कायस्थिति तथा अंतर का निर्देश । आयु, कायस्थिति १८८ - १६४ खेचर जीवों के प्रकार काल विभाग, तथा अंतर का निर्देश । १६५ - २०३ मनुष्य के प्रकार काल-विभाग, आयु, कायस्थिति तथा अंतर का निर्देश । २०४- २४७ देवों के प्रकार काल विभाग, आयु, कायस्थिति तथा अंतर का निर्देश । Jain Education International २५६-२६२ शुभ और अशुभ भावनाएं सुगति और दुर्गति का कारण। २६३ कांदर्पी भावना । २६४ अभियोगी भावना । २६५ किल्विषिक भावना। २६६ २६७ आसुरी - भावना । मोही भावना । २६८ उपसंहार । परिशिष्ट १. पदानुक्रम २. उपमा और दृष्टांत ३. सूक्त ४. व्यक्ति परिचय ५. भौगोलिक परिचय ६. तुलनात्मक अध्ययन ७. टिप्पण अनुक्रम ८. विशेष शब्द ६. प्रयुक्त-ग्रन्थ For Private & Personal Use Only पृ. ६४३ से ६८२ ६८३-६८४ ६८५-६८६ ६८७-६६२ ६६३-६६८ ६६६-७०४ ७०५-७१४ ७१५-७२० ७२१-७२७ www.jainelibrary.org
SR No.003626
Book TitleAgam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Uttarajjhayanani Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2006
Total Pages770
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_uttaradhyayan
File Size25 MB
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