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________________ पद छिंदितु जाइमरणस्स बंधणं ज जसं काहि भा जइ तत्थ केइ इच्छेज्जा जइ तेरण न संथ पाइ मे अामा ज्या जह है रमतो परिवाए जओ पावस्स आगमो जं गिरं भासए नरो जं च निस्संकियं भवे जं देवं तं समायरे जं तत्थेसरिणयं भवे जंतु नामेइ सास जं पि वत्थं व पायं वा जंभवे भक्तपातु लोए परम- दुम्बरं मुना बुद्धिए जहा गहियं भवे जं जान चिराधी नं जागेज्ज सुरगेज्जा वा ५।१४४७,४६,५१,५३ ती व नाभी वा बच्चा जढो हवइ संजमो जत्ते कन्नं व निवेसयति जय गुफाई दीपाई जत्थ संका भवे जंतु जत्थेव पाले कइ दुप्पउत्तं जन्नग्गि विज्झायमिवप्पतेयं जनजा जयं अपरिसाडयं जयं चरे जयं चिट्ठ जयं चि मियं भासे जयं परिवा जयं परिहरति य जय भुजतो भागतो जयमासे जयं सए जयमेव परकमे जया ओहाविभो होइ जया कम्मं खवित्तारणं जया गई बहुवि स्थल १०।२१ Jain Education International २६ ५।१२६५ ५।२२ ५१११६४ पृ० ११२ ७।११ ७५ ५।१४७६ ४६६ ५।१६० ५।१४७६ ७२८ ५।११३६,३८ ७७४ ६ १६,३८ ५११४४४,५० ६५. ०२११ ८१३० ६ ६० |३|१३ ५।१।२१ ७६ चू० २।१४ ०१।१२ ७15 ५५८ पद जया चयइ संजोगं जया जीवे अजीवे य जया जोगे निरु भित्ता जया धुराइ कम्मरयं जया निदिए भोए जया पुणं च पावं च जया मुंडे भवित्तारगं जया वस् जयाय चयई धम्मं जया य थेरओ होइ जयाय मी होइ जयाय मारिणमो होइ जया य बंदिमो होइ जया लोगमलोगं च जया सव्वतगं नाणं जया संवरमुक्किट्ठ जराए अभिभूयस्स जरा जाव न पीलेइ जलसित्ता इव पायवा जवणवा समुपाखं च निय जसे सामो जस्संतिए धम्मपयाइ सिक्खे जस्स धम्मे सया मणी जस्सेयं दुहओ नायं जस्सेरिसा जोन दिवस स्वमप्याहवेज नि जहा काय मा जहा कुक्कुडपोयस्स जहा दुमस्स पुष्फे वहान चियानी ५११४६ जहारिहमभिगिज्झ ४।८ जहा ससी कोमइजोगजुत्तो ८१६ ५१२८१,८६ ६।३८ ४८ जहा से पुरिसोत्तमो जहाहियग्गी जलगं नमसे होवइट्ठ अभिकखमाणो जाई चत्तारि भोज्जाई ४८ जाई धन्नति भुवाई ५११६,५१२७ जाई जाणित्त, संजए ०१२ संज ४१२५ जाई बालोऽवरज्भई ४११५ जाई राओ अपासंतो स्थल ४|१८ ४१४ १२४ ४:२१ ४/१७ ४।१६ ४१६ चू० १1७ च० ११ चु०११६ चू० ११४ २०१५ च०१३ ४११३ ४२२ ४२० ६५६ ८1३५ ५।२।३५ ६।१।१२ ११ हा२२१ ०२११५ ०२१७ 512 ८५३ १२ १।१४ ७|१७| २० हा१।१५ २।११ ६।१।११ ६।३।२ ६।४६ ६१५१ दसवेआलियं ( दशवैकालिक ) पद जाइत्ता जस्स ओग्गहं जाइमंता इमे खखा For Private & Personal Use Only जाइमर मुबई जाए सद्धाए निक्वंत्तो जा जा दच्छसि नारिओ जाणंतु ता इमे समणा जाणिऊण महेसिणो जाणिय पत्तेयं पुष्णपावं हा२।१२ ६२३१४ जिइदिए जो सहई स पुज्जो जाय आजीववित्तिया जायतेयं न इच्छति जाय बुद्ध हिणाइन्ना जा य लज्जासमा वित्ती जा य सच्चा अवक्तव्वा जावंति लोए पाणा जावज्जीवं वयं घोरं जावज्जीवाए वज्जए जाव णं न विजापेज्जा जाविदिया न हायंति जिदिएसम्म स पुनी निगमयनिउ अभिगम जिणवयणरए अतितिखे जिणो जाणइ केवली जीवाजीवे अयातो जीवाजीवे वियागतो जीवन रिजिड दु जुत्ता ते ललिइंदिया जुत्तोय समणधम्मम्म जुत्तो सया तवसमाहिए जुवं गवेत्ति गंबूया जे आयरिय उवज्झ याणं जेसि सो जे परे जेण कित्ति सुयं सिग् ८।१३ जेण जाति तारि १४ जेणऽन्नो कुप्पेज्ज न तं वएज्जा ६४७ जेण वंध वहं घोरं ६।२३ जे दिव्वे जे य माणुसे स्थल ८६५ ७।३१ ६४७ ८/६० २राह ५।२।३४ ५११६८ १०1१८ ३६ ६१३२ ७२ ६।२२ ७२ ६ ह ६।२५ ६।२८,३१,३५, ३६,४२,४५ ७।२१ ८१३५ ३३३८ ६।३।१३ ६।३।३५ हा४५ ४२२/२३ ४:१२ ४/१३ ६।१० ८.४२ हा२१४ ८४२ ६/४/४ ७।२५ हा२।१२ ६६१ ८१४३ ६/६५ हीरार ५।२।४०, ४५ १०।१८ ६/२/१४ ४।१६ १७ www.jainelibrary.org
SR No.003625
Book TitleAgam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Dasaveyaliyam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1974
Total Pages632
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_dashvaikalik
File Size17 MB
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