SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 597
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दसवेआलियं ( दशवकालिक ) संख्या संख्या शब्दादि शब्दादि संख्या संख्या संख्या संख्या शब्दादि शब्दादि संख्या संख्या १८८ २११ १५१ १४१ २५६ २२२ ३६४ १४८ ३२६ ३६४ २६० २३३ २३१ २५८ m ३११ २७ २८३ १२२ २८७ १०७ ५७ १४२ २४४ ४६१ १८४ २२६ ~ ११५ २०६ मुणी (१२) मुत्ता (१॥३) मुम्मुरं (४१सू०२०) मुसावायाओ (४ासू०१२) मुहाजीवी (५।१।६८) मुहाजीवी (८।२४) मुहादाई (२१११००) मुहालद्ध (५।१।६६) मूलं (६।१६) मूलगं मूलगत्तियं (श२१२३) मे (४।सू०१) मेहावी (५।२।४२) मेहुणं....दिव्वं वा...तिरिक्खजोरिण्यं वा (४सू०१४) रए (५२११७२) रयमलं (६।३।१५) रयहरणंसि ४(1सू०२३) रसनिज्जूढं (८।२२) रसया (४ासू०६) रहजोग (७१२४) रहस्सारक्खियाण (५।१।१६) राइणिए सु (८।४०) राइभत्ते (३२) राईभोयणाओ (४।सू० १६) रागं (२१५) रायपिडे किमिच्छए (३३) रायमच्चा (६।२) रासि (५२११७) रूढेसु (४।सू०२२) लज्जा (६।१।१३) लज्जासमावित्ती (६।२२) लद्धलक्खेफ (चू०२।२) लद्ध (८।१) लयणं (८।५१) लया (४।सू०८) ललिइंदिथा (8२।१४) लवणं (५॥१९७) लहुभूयविहारिण (३३१०) लहुस्सगा (चूसू०१०) ३६३ १२८ ३५६ २१२ ४०३ लक्षण हैं लाभमट्ठि) (२११६४) २५४ लूहवित्ती (५२॥३४) २८५ लूहवित्ती (२५) लेखें (४सू०१८) लोद्ध (६३६३) लोहो सव्वविणासणो (८।३७) ४०१ वइविवखलियं (८।४६) ४१३ वत नो पडियायई (१०१) ४८४ वंदमारणो न जाएज्जा (५।२।२९) २८४ वच्चमुतं न धारए (५।१।१६) २१७ वच्चस्स (५।१।२५) २२२ वज्के (७।२२) ३५५ वणिमट्ठा पगड (५२११५१) वण्णिय (५।१।३४) वमणे य...बत्थीकम्मविरेयणे (३१६) वयं (२४) वयाणं पीला (५३११०) वा (८।१६) वायसंजए (१०।४५) वारधोयणं (५।११७५) वासे वासंते (५।३।८) २०४ वाहिमा (२४) विउलं अत्थसंजुतं (५।२।४३) २८८ विकत्थयई (६।३।४) ४५६ विगप्पिय (८1५५) ४१६ विगलितेंदिया (२७) ४४२ विज्जमाणे परक्कमे (५।१४) बिज्जल (२११४) विडिमा (७३१) ३५६ विणएज्ज राग (२।४) विणएण (५।११८८) २५३ विणए सुए अ तवे (हासू०३) ४६८ विण्य (७।१) ३४६ विरणय (।१११) विरणयं न सिक्खे (११) विणयसमाही आययट्ठिए (३।४।सू०४) विणिगृहई (५।२।३१) २४६ ३५ ५७ १२ ३५६ Wo MKWWWG २५ १५५ ३०६ २०४ . १०६ २०२ २०१ २३ ४३३ ३१६ २८ ५२५ ३८३ ४१४ १२७ ४४४ २५५ 1 GK mrUyr ० ० ०४ १४ २२० ६२ dur ५११ www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only Jain Education Intemational
SR No.003625
Book TitleAgam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Dasaveyaliyam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1974
Total Pages632
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_dashvaikalik
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy