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________________ टिप्पणी संख्या पृष्ठ टिप्पणी संख्या संख्या २४८ १६६ २०३ २४६ ४५८ ૪૭ર ४१० १५३ ४६१ २३२ १७१ ७ ४६१ ३५ .० २८१ १३५ ४४५ २३८ १६१ ४४५ ३६२ १२१ २१८ ४०८ २७६ ४१७ १५६ आधारभूत पृष्ठ शब्दादि संख्या नियडी सढे (६।२२३) नियमा (चू०२१४) चू०५२६ नियागं (३२) निरासए (३।४।६) निव्वाविया (५।११६३) २४० निव्वावेज्जा (४।सू०२०) निसीहियाए (५।२।२) २७३ निसेज्जा (६।५४) ३२५ निस्सिचिया (५।१।६३) २४१ निस्से सं (२।२) ४४१ निहुइंदिए (१०।१०) नीम (५।२।२१) नीयं कुज्जा य अंजलि (६।२०१७) ४४५ नीयं च आसणाणि (२०१७) नीयं च पाए वंदेज्जा (8२।१७) नीयं सेज्ज (६।२।१७) नीयदुवार (५।१।१६) नीरया (३।१४) १६७ नीलियाओ (७।३४) नेच्छंति वतयं भोत्त (२६) ३२ नेव गृहे न निण्हवे (८।३२) ४०१ नेव सयं पाणे अइवाएज्जा...न समणु जाणेज्जा (४.११) १३६ नो वि पए न पयावए (१०।४) ४२७ पइरिक्कया (चू०२।५) ५६६ पईवपयावट्ठा (६।३४) पउम (५।२।१४) २७७ पउमगाणि (६:६३) पए पए विसीयंतो (२।१) पंचनिग्गहरणा (३।११) पंचासवपरिन्नाया (३।१०) पंचासवसंवरे (१०५) पक्कमति महेसिणो (३।१३) पगईए मंदा वि (६।१३) पच्छाकम्मं जहिं भवे (५।११३५) पज्जालिया (५॥१॥६३) पडिकुट्टकुलं (५।१।१७) पडिक्कमामि (४।सू०१०) आधारभूत शब्दादि पडिक्कमे (५।१८१) पडिच्छन्नम्मि संवुडे (५।१।८३) पडिणीयं (६।३।६) पडिपुण्णाययं (३।४सू०७) पडिपुन्न (८।४८) पडिम पडिवज्जिया मसाणे (१०।१२) पडियरिय (३।३।१५) पडिलेहए (५।१।३७) पडिलेहेज्जा (८।१७) पडिसोओ तस्स उत्तारो (चू०२।३) पडिसोय (चू०२।२) पढम नारण तओ दया (४११०) पढमे (४।सू०११) पणगेसु (५।११५६) परिणयट्ठ (७१३७) परिणहाय (1४४) पणीयं (५।२।४२) पणीयरस (८।५६) पत्तेण वा साहाए वा साहाभंगेण वा (४।सू०२१) पत्तेयं पुण्ण पावं (१०।१८) प्पमाया (६३१३१) पमज्जित्त, (१५) पमायं (६।१५) पर (१०।१८) परमग्गसूरे (६।३८) परमो (हा२।२) परिक्खभासी (७।५७) परिग्गहाओ (४।सू०१५) परिवेज्जा (५३११८१) परिणाम (८५८) परिदेवऐज्जा (३४) परिनिव्वुडा (३।१५) परियाए (चू०१।सू०१) परियायजेट्ठा (९।३।३) परिवुड्ढे (७:२३) परिव्वयंतो (२४) परीसह (३३१३) ३६१ PN л ३८५ ४८-४६ १६ ३११ ४६८ * ism & २० १०० ४Mr our r9 mrd dium » US US x २२ 15 ५१३ ० १३८ १४८ ७५ Mmr www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only Jain Education Intemational
SR No.003625
Book TitleAgam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Dasaveyaliyam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1974
Total Pages632
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_dashvaikalik
File Size17 MB
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