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________________ दसवेलियं (दशवेकालिक ) दृष्टिवाद T (६) विप्रहाण श्रेणिका पृथक् आकाश पद केतुभूत राशिबद्ध एमगुण द्विगुण त्रिगुण केतुभूत प्रतिग्रह संसार प्रतिग्रह नन्दावर्त विप्रहाणावर्त (७) च्युताच्युत श्रेणिका Jain Education International पृथक् आकाश पद केतुभूत राशिबद्ध एकगुण द्विगुण त्रिगुण केतुभूत प्रतिग्रह संसार प्रतिग्रह नन्दाचतं स्युताच्युतावर्त सूत्र' बहुभंगिक विजय चरित मूत्र उत्पाद परिणतापरिणत अग्रायणीय वीर्य अनन्तर परस्पर समान संयूथ संभिन्न १८ वर्तमान पद समभिरु सर्वतोभद्र ! पूर्वगत पन्यास दुष्प्रतिग्रह अस्तिनास्तिप्रवाद ज्ञानप्रवाद सत्यप्रवाद मूलप्रथमानुयोग आत्मप्रवाद कर्मप्रवाद यथात्याग सौवस्तिकघंट अवन्ध्य नन्दावर्त प्राणायु बहुल क्रियाविशाल पृष्टा पृष्ट लोक बिन्दुसार यावर्त एवंभूतं यावर्त प्रत्याख्यान विद्यानुप्रवाद उत्पाद पूर्व | चार निकायें अग्रायणीय 1 बारह चूलिकायें अनुयोग' For Private & Personal Use Only वीर्य आठ गंडानुयोग' कुलकर गंडिका तीर्थंकर मंदिका चक्रवर्ती गंडिका दशार्ह गंडिका बलदेव गंडिका वासुदेव गंडिका गणधर गंडिका भइया मंडिका तप कर्म ठिका हरिवंश इंडिका अवसर्पिणी गंडिका उत्सर्पिणी गंडिका चित्रान्तर गंडिका चूलिकायें चूलिका अस्तिनास्तिप्रवाद २ १ - नंदी सूत्र ६६ । - नंदी सूत्र १०१ । ३ – नंदी सूत्र ११६ । ४ – नंदी सूत्र ११८ । ५ – चार पूर्वो के चूलिकायें हैं. शेष पूर्वी के लिहायें नहीं है नंदी सूत्र ११२ । - दस चूलिकायें www.jainelibrary.org
SR No.003625
Book TitleAgam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Dasaveyaliyam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1974
Total Pages632
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_dashvaikalik
File Size17 MB
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