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________________ प्रकाशकीय सानुवाद आगम ग्रन्थों की प्रकाशन योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित प्रकाशित आगम विद्वानों द्वारा समादृत हो चुके हैं१. दसवे आलियं ५. समवाओ २. सुयगडो (भाग १, भाग २) ६. अणुओगदाराई ३. उत्तरज्झयणाणि ७. नन्दी ४. ठाणं इसी श्रृंखला में ज्ञातधर्मकथा का प्रस्तुत प्रकाशन पाठकों के हाथों में पहुंच रहा है। ___मूल संशोधित पाठ और हिन्दी अनुवाद, प्रत्येक अध्ययन के विषय प्रवेश की दृष्टि से आमुख और विस्तृत टिप्पणियों से अलंकृत ज्ञातधर्मकथा का यह प्रकाशन आगम प्रकाशन के क्षेत्र में अभिनव स्थान प्राप्त करेगा, ऐसा लिखने में संकोच नहीं होता। प्रस्तुत आगम में अध्ययनों के सानुवाद और सटिप्पण संयोजना के पश्चात् छह परिशिष्टों का समाकलन किया गया है जो इस प्रकार १. संक्षिप्त पाठ पूर्त स्थल पूर्ति स्थल २. गाथानुक्रमणिका ३. वर्णकवाची आलापक ४. विशेष शब्दानुक्रमणिका ५. विशेष नामानुक्रमणिका ६. सन्दर्भ ग्रन्थ-सूची प्रस्तुत प्रकाशन के पूर्व सानुवाद आगम प्रकाशन की योजना के अन्तर्गत आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा रचित आचारांगभाष्यम् प्रकाशित हो चुका है। उक्त प्रकाशन के बाद भगवई (विआहपण्णत्ती, खण्ड १, २) मूलपाठ, संस्कृत छाया, हिन्दी अनुवाद, भाष्य तथा परिशिष्ट, जिनदासगणि कृत चूर्णि एवं अभयदेवसूरि कृत वृत्ति सहित प्रकाशित हुआ। पूर्व प्रकाशनों की तरह ही वाचना-प्रमुख गणाधिपति तुलसी के तत्त्वावधान में प्रस्तुत एवं आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा सम्पादित ये प्रकाशन विद्वानों द्वारा भूरि-भूरि प्रशंसित हुए हैं। प्रस्तुत आगम के प्रस्तुतीकरण में इन साध्वियों का प्रचुर योगदान रहा है-साध्वी श्रुतयशाजी, साध्वी मुदितयशाजी, साध्वी शुभ्रयशाजी और साध्वी विश्रुतविभाजी। प्रस्तुत आगम की वीक्षा समीक्षा में मुनि श्री हीरलालजी का अच्छा योगदान रहा है। लाडनूं १७ जून, २००३ भागचंद बरडिया मंत्री जैन विश्व भारती Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003624
Book TitleAgam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Nayadhammakahao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2003
Total Pages480
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_gyatadharmkatha
File Size17 MB
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