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________________ परिशिष्ट-४ नायाधम्मकहाओ भेड़िया चूहा १/१/२५ १/८/७२ १/२/११ असुयपुव्व असोग अस्सायणिज्ज अहय अहाकल्प अहापडिरूव अहेलोय आइक्खग आइणग आउसइ आओग-पओग आघयण आघवण आडोलिया आणत्तिय आणिल्लिय आमग आमिस आयय आयवत्त आयविय आयारभंडग आरण आराहग अधिक मूल्य के लिए गुणहीन वस्तु का गुणोत्कर्ष दिखाना करमुक्त बांस का पंखा उत्कीर्ण मल उच्चारण करके गोद उत्सादन लघिमा ऋद्धि सम्पन्न झरना ईशानकोण उत्तरीय पट जिसे पहले नहीं सुना अशोक वृक्ष स्वाद लेने योग्य नवीन कल्प के अनुसार प्रवास योग्य अधोलोक शुभाशुभ बताने वाला चर्मवस्त्र गाली देना लेन-देन वधस्थान आख्यान खिलौना, गिल्ली आज्ञा आनीत, लाई हुई अपक्व, कच्चा मांस लम्बा छत्र परिकर्मित धर्मोपकरण ग्यारहवां देवलोक स्वीकृत साधना का पालन करने वाला नीरोगता भिगोना आग लगाने वाला नोचना गर्भवती विपदा श्रेष्ठ उत्तर दिशा से संबंधित उत्त्रास देने वाला मशक ४३६ १/१/१०५ ईहामिय १/५/१० उंदुर १/१२/४ उक्कंचण १/१/२४ १/१/१९८ उक्कर १/१/४ उक्खेवय १/८/३५ उग्गय १/१/७६ उच्चार १/१/१८ उच्चारेत्ता १/१८/८ उच्छंग १/२/७ उच्छायणया १/६/२५ उच्छूढसरीर १/१/११२ उज्झर १/१८/८ उत्तरपुरस्थिम १/१/२३ उत्तरिज्ज १/१/६० उत्तरिए १/६/१० उत्तरिल्ल १/२/११ उत्तासणय १/१/१५६ उदगवत्थि १/१/१३४ उधुव्वमाण १/१/१८ उप्पुय १/१६/३८ उरभ १/१/२११ उल्लंबण १/११/२ उल्लोय उवगूहिय १/८/३४ उवट्ठाणसाला १/५/६१ उवप्पयाण १/२/११ उवस्सय १/४/११ उवाइयं १/२/१६ उवाहण १/८/२५ उवीलेमाण १/५/५२ उव्वलण १/८/४२ उसभ १/८/१७७ उसीस १/१७/३२ उस्सीसामूल १/६/२६ उस्सुक १/२/५७ उस्सेह १/८/२८ ऊसविय १/१/११८ एकल्ल १/१/२०२ एगंतदिट्ठिय १/१/३३ एगंतधाराय १/१/६६ एगजाय १/१/३३ एगट्ठिया १/१/८५ एगावलि १/१/१६ एडइ १/१/७८ १/१/१०६ १/१/१८ १/१/१०६ १/१/२११ १/२/१२ १/१/१६ १/१/४ १/१/३३ १/१/२ १/१/२४ १/८/२११ १/८/२१४ १/२/६७ १/१८/३६ १/१३/४० १/६/२० १/१/३३ १/२/७६ १/१/१८ १/६/४१ १/१/२२ १/१/१६ १/१४/५३ १/२/१२ १/१५/६ १/१८/२२ १/१/२४ १/१/२५ १/७/९ १/१/१२५ १/१/७८ १/१/६ १/१/२० १/१/१५७ १/१/११२ १/१/११२ १/५/३५ १/१६/२८२ १/१/१२८ १/१६/७४ आरोय आलिंप आलीवग आलुप आवण्णसत्ता आवया आवसह डूलाते हुए भयभीत भेड़िया फांसी चन्दोवा आलिंगन सभामण्डप गृहीत धन को लौटाना उपाश्रय मनौती जूता उत्पीड़ित करता हुआ औषधियों का लेप बैल तकिया सिरहाने शुल्कमुक्त ऊंचाई ऊंचा एकाकी एकाग्रदृष्टि अर की भांति एकांत धार वाला एकाकी नौका एकावलि (आभूषण विशेष) फेंकना मठ आस अश्व आस आसभद्दय आसवाणियय आसुरुत्त आहारवक्कंति आहेवच्च इंगालसगडिया इंदगोवक अश्वप्रशिक्षक घोड़ों का व्यापारी क्रोध से तमतमाना मनुष्यभव योग्य आहार का ग्रहण आधिपत्य कोयलों से भरी गाड़ी वीरवधूटी इन्द्रमहोत्सव इन्द्रधनुष इषु अस्त्र, एक कला अर्थ की समालोचना व निश्चय इंदमह इंदाउह ईसत्थ ईहावूह Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003624
Book TitleAgam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Nayadhammakahao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2003
Total Pages480
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_gyatadharmkatha
File Size17 MB
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