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________________ ११ संज्ञा द्वार ४ ११ संज्ञा द्वार ४ ४ १२ कषाय द्वार ४ ४ ४ १२ कषाय द्वार ४ ४. १३ इन्द्रिय द्वार ५ ५ ३ 3 १३ इन्द्रिय द्वार ५ Jain Education International ३] पहली १५ समुद्धात द्वार वेदना द्वार २ ३ पहली ३] पहली ३ पहली ३ पहली ३] पहली ३ पहली ११. 43 १४ १५ १६ द्वारका द्वार कषाय द्वार इन्द्रिय द्वार समुदयात द्वार वेदना द्वार वेद द्वार 3 ३] पहली १४ १५ समुद्घात द्वार वेदना द्वार ३. पहली ३] पहली २ २ २ २ २ २ २ र १ नपुंसक नपुंसक १६ वेद द्वार नपुंसक १७ आयु द्वार जघन्य 3 उत्कृष्ट १ नपुंसक अंतर्मुहूर्त ४६ दिन रात १ नपुंसक अंतर्मुहूर्त अंतर्मुहूर्त १ नपुंसक १६ वेद द्वार 919 आयु द्वार जघन्य उत्कृष्ट • नपुंसक अंतर्मुहूर्त ६ गारा 쿠 १] नपुंसक १. नपुंसक ४१ दिन रात 99 अयु द्वार जघन्य उत्कृष्ट [१] [सक अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व अंतर्मुहूर्त अंतर्मुहूर्त ६ भास फोड पूर्व अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व अंतर्मुहूर्त अंतर्मुहूर्त ४१ दिन रात कोड पूर्व ६ मास भला मूंडा १८ अध्यवसाय द्वार असंख्याता मला मूंडा भलाभूंडा मूंडा भला अध्यवसाय द्वारा असंख्याता भला भूंडा मला मूंडा मलाडा अंतर्मुहूर्त अंतर्मुहूर्त मूंडा भला मला भूंडा १६. अध्यवसाय द्वारा असंख्याता मला मूंडा १६ अनुबंध द्वार उत्कृष्ट अंतर्मुहूर्त ४६ दिन जघन्य रात भला मूंडा ४९ दिन रात भलामूंडा अंतर्मुहूर्त अंतर्मुहूर्त मूंडा मला 啊 अनुबंध द्वार जघन्य उत्कृष्ट अंतर्मुहूर्त ६ माम ६ मास १६ अनुबंध द्वार जघन्य उत्कृष्ट कोड पूर्व अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व अंतर्मुहूर्त अंतर्मुहूर्त ४६ दिन रात कोल पूर्व ६ मास अव० दृष्टि ज्ञान, योग, आयु, अध्य, अनु नाणता पर्याप्त संख्याता दृष्टि ज्ञान नाणत्ता For Private & Personal Use Only 19 अ०० दृष्टि ज्ञान, योग आयु २ आयु अनुबंध २ आयु, अनुबंध नागतः अ० दृष्टि ज्ञान योग आयु अन्य अनु २ आयु अनुबंध TV मद 2 जघन्य उत्कृष्ट ८ २ २ २ २ जघन्य उत्कृष्ट 120 ~~~~~~ २ भव जघन्य उत्कृष्ट २ २ ~~~~ भय ६ wwwww. ६ ८ ८ www जघन्य काल १ अंतर्मु, १ अंतर्मु १ अंतर्मु, १ अंतर्मु १ अंतर्मु, १ को डपूर्व १ अंतर्ग. १ अंतर्मु " अंतर्मु १ अंतर्मु १ अंतर्मु. १ कोडपूर्व ४६ दिन रात १ अंतर्मु ४५ दिन रात १ अंतर्ग ४६ दिन रात १ कोडपूर्व १ अंत १ अ अंत २० कायसंवेध द्वार जघन्य काल १ अंतर्भु १ अंतर्ग १ कोडपूर्व १ अंतर्मु, १ अंतर्ग ११ " अंतर्भु. १ कोहपूर्व ६१ अंतर्ग ६ मत ६ मास कोहपूर्व जघन्य काल २० कायसंवेध द्वार १ अंत, १ अंत १ अंतर्ग १ अंतर्मु १ अंत भी अख माग १. अंतर्मु] १. अंतर्मु १ अंतर्मु, १ अंतर्ग. १ अंत १ को उपूर्व २० कायसंवेध द्वार 1 | कोडपूर्व १ अंतर्मु, कोडपूर्व अन्तर्मु १ कोडपूर्व पल्य नों असं नाग उत्कृष्ट काल १६६ दिन रात ४ को पूर्व १६६ दिन रात ४ अंतर्मु १६६ दिन रात ४ कोडपूर्व ४ अंतर्मु ४ अंतर्मु ४ अंतर्मु १६६ दिन रात ४ को पूर्व १६६ दिन रात ४ अं १६६ दिन रात ४ कोडपूर्ण ४] कोडपूर्व ४ अंतर्मु ४ को पूर्व उत्कृष्ट काल २४ मास ४ कोडपूर्व ४ अंतर्मु २४ मास ४ कोडपूर्व ४ अतर्ग. ४ कोडपूर्व ४ अंतर्मु. ४ अंतर्मु ४ अंतर्मु ४ कोडपूर्व २४ पास २४ मास २४ मा ४ अंतर्मुहूर्त ४ कोडपूर्व ४ अंतर्मुहूर्त ४ अंतर्ग ४ अंतर्मुहूर्त ४ कोडपूर्व ४ कोडपूर्व ४ अंतर्ग कोडपूर्व उत्कृष्ट काल ४ को पूर्व ३ कोटपूर्व पल्ला नौ असंख भाग ४ कोडपूर्व ४ अं १ कोडपूर्व पल्य न अंसख भाग ४ को उपूर्व ३ कोडपूर्व गल्य न असंख भाग ४ को डपूर्व ४ अंतर्मु कोडपूर्व पत्नी असंख भाग गमा ३०६ www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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