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________________ ६१ तिर्यंच पंचेंद्रिय में असन्नी मनुष्य ऊपजै तेहनों यंत्र (१८) २ परिमाण द्वार गमा २० द्वार नी संख्या २ 3 गमा २० द्वार नौ संख्या 3 ४ ५ ६ ७ ५ E ओधिक नै ओधिक | ओधिक नै जघन्य ओधिक नै उत्कृष्ट ....... ७ ओधिक नै ओधिक ओधिक नै जघन्य अधिक नै उत्कृष्ट २६२ जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट गमा २० द्वार नौ संख्या ६२ तियंच पंचेंद्रिय में संख्याता वर्धनां सन्नी मनुष्य ऊपजे तेहनों यंत्र (१६) ३ संघयण द्वार ६ उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट नै जघन्य उत्कृष्ट नै उत्कृष्ट ओधिक नैं ओधिक ओधिक नै जघन्य ओधिक नै उत्कृष्ट जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट नै जघन्य ਦਰਦ १ उपपात द्वार जघन्य १ अंतर्मुहूर्त अंतर्मुहूर्त १ फोजपूर्व ३] पत्य Jain Education International जपन्य अंतर्मुहूर्त अंतर्मुहूर्त उपपात द्वार अंतर्मुहूर्त अंतर्मुहूर्त १. कोडपूर्व 9 अंतर्मुहूर्त अंतर्मुहूर्त ३ पल्य जघन्य उत्कृष्ट १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त कोडपूर्व 9 भगवती जोड़ (खण्ड-६) १ अंतर्मुहूर्त १ अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व उत्कृष्ट ३ पल्य अंतर्मुहूर्त ३ पल्य १ फोडपूर्व अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व उपपात द्वार ३ पल्य अंतर्मुहूर्त ३ पल्य ६३ तिर्यंच पंचेंद्रिय में असुरकुमार ऊपजै तेहनों यंत्र (२०) परिमाण द्वार उत्कृष्ट उत्कृष्ट १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व जघन्य १ कोडपूर्व १ अंतर्मुहूर्त १ कोडपूर्व १.२.३ ऊपजै १ कोडपूर्व १] अंतर्मुहूर्त १] कोडपूर्व जघन्य परिमाण द्वार १२.३ ऊपजै १२.३ ऊपजे १२.३ ऊपजै १२.३ ऊपजे जघन्य उत्कृष्ट १२.३ ऊपजै संख या असंख ऊपजै १२.३ ऊपजे १२.३ ऊपजै उत्कृष्ट संख्यात ऊपजे संख्याता ऊपजै संख्याता ऊपजै संख्याता ऊपरी संख या असंख ऊपजै संखया असंख ऊपजै संघयण द्वार ६ १ छेवटो संख या असंख ऊपजै ६ ६ संघयण द्वार असंघयणी असघयणी असंचयणी अवगाहना द्वार जघन्य गुल नो असंख भाग अवगाहना द्वार जघन्य आंगुल न असंख भाग पृथक् आंगुल आंगुल न असंख भाग ५. सौ धनुष्य जघन्य उत्कृष्ट आंगुल न असंख माग आंगुल न असंख भाग आंगुल न असख भाग उत्कृष्ट ५. सौ धनुष्य अवगाहना द्वार ५. सौ धनुष्य आंगुल न जसंख भाग ५. सौ धनुष्य उत्कृष्ट ७ हाथ हाथ ७ हाथ संठाण द्वार ६ पहुंडक ५ संठाण द्वार ६ E ६ ५. संठाण द्वार ६ समचतरंस समचउरंस समचतरंस For Private & Personal Use Only ६ लेश्या द्वार ६. 3 पहली ६ लेश्या द्वार ६ ३] पहली ६ लेश्या द्वार ६ ४ पहली ४ पहली ४ पहली ७ दृष्टि द्वार 3 १ मिथ्या 원 दृष्टि द्वार 3 3 १ मिथ्या दृष्टि द्वार ३ 3 ३ ३ ज्ञान-अज्ञान द्वार ३ ५ ५ ज्ञान-अज्ञान द्वार ३ ४ भजना ४ भजना ४ भजना 날 ३ नियमा ८ ३ नियमा २ नियमा ३ नियमा ३ भजना ज्ञान-अज्ञान द्वार 3 ३ भजना २ नियमा ३ भजना ३ भजना ३ भजना ३ नियमा योग द्वार ३ १. काय १ योग द्वार ३ ३ Ad १ काय 3 योग द्वार 3 ३ उपयोग द्वार २ २ 50 उपयोगद्वार २ २ ३ उपयोग द्व 3 www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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