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________________ २४४ ४६ च्यार थावर में तेऊकाय ऊपजै तेहनों यंत्र (३) गमा २० द्वार नौ संख्या १ २ 3 ६ ६ ओधिक नै ओधिक | ओधिक नैं जघन्य ओधिक नैं उत्कृष्ट जघन्य नै ओधिक जघन्य ने जघन्य जघन्य नै उत्कृष्ट उत्कृष्ट नै ओधिक उत्कृष्ट में जघन्य उत्कृष्ट मैं उत्कृष्ट Jain Education International 9 उपपात द्वार जघन्य उत्कृष्ट १४,७ गर्म जिन जिन काय मैं ऊपजै तिण है जघन्य उत्कृष्ट आयु में ऊपजै भगवती जोड़ (खण्ड-६) २.५८ गर्म जिण जिण काय में ऊपजे तिणरै जघन्य आयु में ऊपजे ३.६.१ गर्मे जिन जिन काय में ऊपजे तिण रे उत्कृष्ट आयु में ऊपजै २ परिमाण द्वार जघन्य उत्कृष्ट १२ गर्ने समय समय असंख्याता ऊपजै ३ गर्ने जघन्य १२.३ उत्कृष्ट संखया असंख ऊपजै ऊपरवत् जघन्य १२,३ उत्कृष्ट संखया असंख ऊपजे 3 संघयण द्वार ६ १ छेवटो १ छेवटो १ छेक्टो जघन्य जघन्य उत्कृष्ट अंगुल नो असंख भाग गमा अवगाहना द्वार जघन्य उत्कृष्ट आंगुल नो असख भाग ५. ६ 15 ८ १ जघन्य उत्कृष्ट आंगुल नौ अरांख भाग ज. उत्कृष्ट २ २ ~~~ उ असंख असंख अरांख असंख ६ C ५ संठाण द्वार ६ सूचीकलाप सूची कलाप सूचीकाप लेश्या द्वार ३ पहली ३] पहली For Private & Personal Use Only 3 पहली जघन्य काल १] अंतर्मु, १ अंतर्मु १ अंतर्मु, १ अंतर्मु १ अंतर्ग ७ हजार वर्ष १ अंत १ अंतर्ग १ अंतर्गः १ अंतर्ग १] अंतर्मु] ७ हजार वर्ष अप में लेऊ ३ दिन रात १ अंतर्मु ३ दिन रात १ अंतर्ग ३ दिन रात ७ हजार वर्ष ७ दृष्टिद्वार ३ १ मिथ्या १ मिध्या १ मिथ्या २० कायसंवेध द्वार उत्कृष्ट काल असं काल असंख काल असंख काल असंख काल १२ दिन रात २८ हजार वर्ष राख काल असंख काल अराख काल अराख फाल ४] अंतर्ग २८ हजार वर्ष १२ दिन रात २८ हजार वर्ष १२ दिन ४ अंतर्ग १२ दिन रात २ वर्ष ज्ञान- अज्ञान द्वार ५. नियमा २ नियमा २ नियमा जघन्य काल १ अंतर्मु, १ अंतर्ग १ अंतर्मु १ अंतर्ग १ अंतर्ग ३ दिन रात १] अंतर्मु] १ अंतर्ग अंतर्ग १ अंतर्ग अंत ३ दिन रात ३ दिन राज १ अं ३दिन रात दिन रात ३ दिन योग द्वार ३ १ काया १ कार्या तेज में तेऊ १काया 90 उपयोग द्वार २ उत्कृष्ट काल असंख काल असं का अकाल अका १२ दिन रात १२ दिनर असंख काल असंच का असंख काल अका ४] अंत १२ दिन १२ दिन रात १२ दिन १२ दिन राज १२ दिन रात १२ दिन www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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