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________________ सोरठा ८४. इक नभ में निद्ध दोय, एक शीत द्वितीय प्रदेशे जोय, एक लुक्ख ते ८८. दोय प्रदेश ₹ ते वह वचन ८९. * तीन प्रदेशिक ८५. *देशा शीता देश उष्ण जाण, देश निद्ध देशा लुक्खा माण | तीन प्रदेशियो बंध ताहि रह्यो तीन प्रदेश रे मांहि ॥ सोरठा ८६. बे नभ प्रदेश मांय, दोय शीत ते लुक्ख बिहुं । ए बहु वच इण न्याय, इक प्रदेश में उष्ण निद्ध ।। ८७. * देशा शीता देश उष्ण जाण, देशा निद्धा देश लुक्ख माण । तीन प्रदेशियो खंध ताहि, रह्यो तीन प्रदेश रं मांहि || सोरठा मांय, दोय शीत ते निद्ध बिहुँ । कहाय, एक प्रदेशे उष्ण लुक्ख || इक बंध, फर्श नैं विषे तास कथंद | पंचवीस भंग थाय, ते जुदा-जुदा कहिवाय ॥ १ कालए १ नीलए १ २ कालए १ नीलगा ३ ३ कालगा ३ नीलए १ उष्ण ते । फुम ।। ९०. दोय फर्श तथा भंग प्यार, तीन फर्श तणां का बार च्यार फर्श नव सुजगीस, इम फर्श तणां पणवीस || ६ इम कृष्ण लाल संघाते ३ भांगा कहै है । ९ इम कृष्ण पीला संघाते ३ भांगा कहै छ । शीत ९१. वर्णनां पैंतालीस निहाली, गंध नां पंच रस नां फर्श नां पणवीस जगीस, एवं सर्व एक सौ तीनप्रदेशिक बंधे वर्णादिक नां १२० भांगा नों यंत्र४५ तीन प्रदेशी बंधे वर्ण नां ४५ भांगा । एकसंयोगे वर्ण नां ५ भांगा पूर्ववत द्विक्संयोगे वर्ण नां ३० भांगा ते कहै - १२ इम कृष्ण धवला संघाते ३ भांगा कहै छ । १५ इम नील लाल संघाते ३ भांगा कहै छ । १८ इम नील पीला संघाते ३ भांगा कहै छे २१ इम नील धवला संघाते ३ भांगा कहै छै । २४ इम लाल पीला संघाते ३ भांगा कहै छ । २७ इम लाल धवला संघाते ३ भांगा कहै छै । ३० इम पील धवला संघाते ३ भांगा कहै छ । * लय : म्हारी सासू रो नाम छँ फूली Jain Education International ताली । बीस || ८५. ८. देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्धे देसा लुक्खा. ८७ ९. देसा सीया देसे उसणे देसा निद्धा देसे लुवखे, ८९. एवं एए पिएसिए फासेस पणवीसं भंगा । ९०. 'पणवीसं भंग' चतुर्द्वादशनवानां भवन्ति । For Private & Personal Use Only (श० २०१२० ) त्ति डिषिचतु: स्पर्श सम्बन्धिनां मीलनात् पञ्चविंशतिर्भङ्गा ( वृ० प० ७८३) श०२० उ०५ ढा० ४०२ २६३ www.jainelibrary.org
SR No.003621
Book TitleBhagavati Jod 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages422
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size21 MB
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