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________________ (१४) २११ १४८ १४८ २११ १५१ १५२ २१५ २१७ १५४ १५४ १५६ १५७ १६० २१८ २२२ २२२ २२८ २२९ १६२ १६२ १६३ १६५ २३० २३१ २३२ २३२ १६८ २३३ जीवों का परिभोग-अपरिभोग पद कषाय पद युग्म पद अन्धकवृष्णिजीवों का वर-पर पद वक्रिय-अवैक्रिय असुरकुमारादि पद नैरयिक आदि का महाकर्मादि पद नरयिकादि का आयुष्य पद असुरकुमार आदि की विकुर्वणा निश्चय-व्यवहार नय पद परमाणु स्कन्धों का वर्णादि पद केवलि-भाषा पद उपधि पद परिग्रह पद प्रणिधान पद कालोदायी आदि का पञ्चास्तिकाय-संदेह पद मदुक श्रमणोपासक द्वारा समाधान पद भगवान द्वारा मद्दुक-प्रशंसा पद विकुर्वणा के साथ एक जीव सम्बन्ध पद देवासुर संग्राम पद देवों द्वारा द्वीप समुद्र-अनुपरिवर्तन पद देवों का कर्म क्षपण-काल पद ईर्या के सम्बन्ध में गौतम का संवाद पद अन्यतीथिकों का आरोप पद परमाणु पुद्गल आदि का जानना-देखना पद भव्य द्रव्य पद भावितात्मा का असिधारा आदि अवगाहन पद परमाणु पुद्गल द्वारा वायुकाय स्पर्श पद द्रव्यों का वर्णादि पद सोमिल ब्राह्मण पद लेण्या पद पृथ्वीकाय पद स्यात् द्वार लेश्या द्वार दृष्टि द्वार ज्ञान द्वार योग द्वार उपयोग द्वार आहार द्वार प्राणातिपातादिक द्वार उत्पत्ति द्वार स्थिति द्वार समुद्घात द्वार १७१ १७१ १७४ उद्वर्तन द्वार अपकाय पद तेजसकाय पद वायुकाय पद वनस्पतिकाय पद स्थावर जीवों की अवगाहना : अल्पबहुत्व पद स्थावर जीव : सर्व सूक्ष्म सर्व बादर पद पृथ्वी शरीर : विशालता पद पृथ्वीकाय : शरीर अवगाहना पद अपकायादि वेदना पद महाआश्रवादि पद चरम परम पद वेदना पद द्वीप समुद्र पद असुरकुमारादि के भवनादि पद जीव-निवृत्ति पद कर्म-निवृत्ति पद शरीर-निवृत्ति पद सर्वेन्द्रिय-निर्वृत्ति पद भाषा-निवृत्ति पद मन-निर्वृत्ति पद कषाय-निर्वृत्ति पद वर्ण-निर्वृत्ति पद संस्थान-निर्वृत्ति पद संज्ञा-निवत्ति पद लेश्या-निर्वृत्ति पद दृष्टि-निर्वृत्ति पद ज्ञान-निर्वृत्ति पद अज्ञान-निवृत्ति पद योग-निवृत्ति पद उपयोग-निर्वृत्ति पद करण पद शरीर करण पद इन्द्रिय करण पद प्राणातिपात करण पद पुद्गल करण पद वर्ण करण पद संस्थान करण पद द्वीन्द्रिय आदि पद पंचेन्द्रिय पद अल्प बहुत्व अस्तिकाय पद rrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrr mm mr mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm १७८ १८१ १८४ १८६ १८७ २३४ २३४ २३५ २३५ २३५ २३५ २३६ २३७ or ~rrrrrrrrrrr U०० ० ० ० ० ० ० ० ० ० 99 ISIS IS २३८ २०९ २१० २४३ २४५ २११ ૨૪૬ २११ २४७ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003621
Book TitleBhagavati Jod 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages422
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size21 MB
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