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________________ हिवै चतुर्थ विकल्पे ४ भांगा कहै छ७२. अथवा इक सक्कर त्रिण वालक, दोय पंक अवलोय । जावत इक सक्कर त्रिण वालक, अधो सप्तमी दोय ।। हिवै पंचम विकल्पे ४ भांगा कहै छै७३. अथवा बे सक्कर बे वालक, दोय पंक अवलोय । जावत बे सक्कर बे वालुक, अधो सप्तमी दोय ।। हिवं षष्टम विकल्पे ४ भांगा कहै छ७४. अथवा त्रिण सक्कर इक वालुक, दोय पंक में होय । जावत त्रिण सक्कर इक वालुक, अधो सप्तमी दोय ।। हिवै सप्तम विकल्पे ४ भांगा कहै छै७५. अथवा इक सक्कर चिउं वालक, एक पंक में पेख । जावत इक सक्कर चिउं वालुक, अधो सप्तमी एक ॥ हिवै अष्टम विकल्पे ४ भांगा कहै छ७६. अथवा बे सक्कर त्रिण वालुक, एक पंक में पेख । जावत इक सक्कर चिउं वालुक, अधो सप्तमी एक ।। हिवै नवम विकल्पे ४ भांगा कहै छै७७. अथवा त्रिण सक्कर बे वालक, एक पंक में पेख । जावत त्रिण सक्कर बे वालुक, अधो सप्तमी एक ॥ हिवै दशम विकल्पे ४ भांगा कहै छै७८. अथवा चिउं सक्कर इक वालुक, एक पंक में पेख । जावत चिउं सक्कर इक वालुक, अधो सप्तमी एक ।। ए सक्कर वालुक थी ४ भांगा दश विकल्प करि ४० भांगा कहा। हिवै सक्कर पंक थी ३ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छै७६. अथवा इक सक्कर इक पंके, च्यार धम उपजत । जावत इक सक्कर इक पंके, चिउं सप्तमी हंत ॥ ८०. अथवा इक सक्कर बे पंके, तीन धम रै मांय । जावत इक सक्कर बे पंके, त्रिण सप्तमी जाय ।। ८१. अथवा बे सक्कर इक पंके, तीन धूम अघखान । जावत बे सक्कर इक पंके, तीन सप्तमी जान ।। ८२. अथवा इक सक्कर त्रिण पंके, दोय धूम दुखरास । जावत इक सक्कर त्रिण पंके, दोय सप्तमी तास ।। ८३. अथवा बे सक्कर बे पंके, दोय धूम दुखधाम । जावत बे सक्कर बे पंके, दोय सप्तमी पाम ॥ ८४. अथवा त्रिण सक्कर इक पंके, दोय धम में पेख । जावत त्रिण सक्कर इक पंके, दोय सप्तमी देख ॥ ८५. अथवा इक सक्कर चिउं पंके, एक धम अवलोय । जावत इक सक्कर चिउं पंके, एक सप्तमी होय ।। ८६. अथवा बे सक्कर त्रिण पंके, एक धूम दुख पाय । जावत बे सक्कर त्रिण पंके, एक सप्तमी जाय ।। ११८ भगवती-जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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