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________________ हि रत्न सक्कर घूम थी २ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छं - २६ ३१ ३० १ रत्न, १ सक्कर, १ धूम, २ सातमीं हिवे रत्न सक्कर धूम थी २ भांगा दूजै विकल्प करि कहे छं १ १ रत्न, १ सक्कर, २ धूम, १ तम ३२ ३३ १ रत्न, १ सक्कर, २ धूम, १ सातमी हिर्व रत्न सक्कर घूम थी २ भांगा तीजै विकल्प करि कहै छं ३५ ३६ १ ३८ २ ३४ १ रन, २ सक्कर, १ धूम, १ सातमीं हि रत्न सक्कर धूम थी २ भांगा चोथे विकल्प करि क है 3 ३६ २ ४० १ १ रत्न, १ सक्कर, १ धूम, २ तम २ १ २ १ रत्न, २ सक्कर, १ धूम, १ तम ए रत्न सक्कर धूम थी ४ विकल्प करि ८ भांगा कह्या । हि रत्न सक्कर तम थी १ भांगो प्रथम विकल्प करि कहै छ ३७ १ १ रत्न, १ सक्कर, १ तम, २ सातमीं हि रत्न सक्कर तम थी १ भांगो दूर्ज विकल्प करि कहै छ १ | १ रन, १ सक्कर, २ तम, १ सातम हिव रस्न सक्कर तम थी १ भांगो तीज विकल्प करि कहै छै २ रत्न, १ सक्कर, १ धूम, १ तम २ रत्न, १ सक्कर, १ धूम, १ सातमी १ १ रत्न, २ सक्कर, १ तम, १ सातमी हि रत्न सक्कर तम थी १ भांगो चोयँ विकल्प करि कहै छ १ २ रन, १ सक्कर, १ तम, १ सातम ए रत्न सक्कर तम थी १ भांगो च्यार विकल्प करि ४ भांगा कला | एवं रत्न सक्कर थी १० भांगा ४ विकल्प करि ४० भांगा थया । ६८ भगवती जोड़ Jain Education International हिव रत्न वालु थी ६ भांगा, ते किसा ? रश्न वालु पंक थी ३, रत्न वालु धूम थी २, रत्न वालु तम थी १ एवं ६ । हिवे रत्न वालुक पंक थी ३ भांगा प्रथम विकल्प करि क है छं ४१ ४२ ४५ ४६ ४३ १ रत्न १ वालुक, १ पंक, २ सातमी हि रत्न वालुक पंक थी ३ भांगा दूर्ज विकल्प करि कहै छ ४५ ५० ५१ १ २ ५३ ३ ५६ १ For Private & Personal Use Only २ ३ हि रत्न वालुक पंक थी ३ भांगा तीजे विकल्प करि कहै छै - ४७ १ रत्न, २ वालुक, १ पंक, १ धूम १ १ रत्न, २ वालुक, १ पंक, १ तम *& | ३ | १ रन, २ वालुक, १ पंक, १ साम हि रत्न वालुक पंक थी ३ भांगा चोथे विकल्प करि कहै छँ १ २ रत्न, १ वालुक, १ पंक, १ धूम २ २ १ रत्न, १ वालुक, १ पंक, २ धूम ३ १ रत्न, १ वालुक, १ पंक, २ तम १ ५२ २ रत्न, १ वालुक, १ पंक, १ सातमी ए रत्न वालुक पंक थी ४विकल्प करि १२ भांगा कहा । हिवे रत्न वालुक धूम थी २ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छं १ रत्न, १ वालुक २ पंक, १ धूम १ १ रत्न, १ वालुक, २ पंक, १ तम २ १ रत्न, १ वालुक, २ पंक, १ सातमी ५४ २ १ रत्न, १ वालुक, १ धूम, २ सातमी हिवे रत्न वालुक धूम थी २ भांगा दूजे विकल्प करि कहै छँ ५५ २ रत्न, १ वालुक, १ पंक, १ तम १ रत्न, १ वालुक, १ धूम, २ तम १ रत्न, १ वालुक, २ धूम, १ तम १ रत्न, १ वालुक, २ धूम, १ सातमी www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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