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६५. अथवा इक वालुक इक पंके, बे तम सप्तमी एक ॥
वालक पंक मैं तमा थकी ए, दूजै विकल्प देख । १६. अथवा इक वालुक बे पंके, इक तम सप्तमी एक ।
वालुक पंक ने तमा थकी ए, तीजै विकल्प देख ।। ६७. अथवा बे वालुक इक पंके, इक तम सप्तमी एक ।
वालु पंक नै तमा थकी ए, चोथै विकल्प लेख ॥
हिवं वालुक धूम थकी एक भांगो ४ विकल्प करि ४ भांगा कहै छ१८. अथवा इक वालुक इक धूमा, इक तम सप्तमी दोय ।
वालु धूम थकी ए भांगो, पहिलै विकल्प होय ।। ६६. अथवा इक वालु इक धूमा, बे तम सप्तमी एक ।
वालक धूम थकी ए भांगो, दूजे विकल्प देख ॥ १००. अथवा इक वालुक बे धूमा, इक तम सप्तमी एक ।
वालुक धम थकी ए भांगो, तीजै विकल्प पेख ।। १०१. अथवा बे वालुक इक धूमा, इक तम सप्तमी एक ।
वालु धम थकी ए भांगो, चोथै विकल्प लेख ।।
हिवै पंक थी एक भांगो ४ विकल्प करि कहै छ१०२. अथवा इक पंके इक धूमा, इक तम सप्तमी दोय ।
पंक नरक थी ए इक भांगो, पहिलै विकल्प होय ॥ १०३. अथवा इक पंके इक धमा, बे तम सप्तमी एक ।।
पंक नरक थी ए इक भांगो, दूजै विकल्प देख ॥ १०४.अथवा इक पंके बे धूमा, इक तम सप्तमी एक।
पंक नरक थी ए इक भांगो, तीजै विकल्प लेख ।। १०५. अथवा बे पंके इक धमा, इक तम सप्तमी एक ।
पंक नरक थी ए इक भांगो, चोथै विकल्प पेख ।।
एवं पंक थकी एक भांगो ४ विकल्प करि ४ भांगा कह्या । एवं रत्न थी २०, सक्कर थी १०, वालुक थी ४, पंक थी १, एवं ३५ एक विकल्प नां हुवै, ते च्यार विकल्प ना १४० पांच जीव नां च्यार संजोगिया भांगा थया ।
दूहा १०६. एक एक फन एक बे, ए धर विकल्प जोय ।
एक एक वलि दोय इक, दूजे विकल्प होप ।। १०७. एक दोय में एक इक, विकल्प तृतीय विशेख ।।
दोय एक फुन एक एक, विकल्प तुर्य' संपेख ।। १०८. *नवम शतक नो देश बतीसम, सौ गुणयासीमी ढाल ।
भिक्षु भारीमाल ऋषिराय प्रसादे, 'जय-जश' मंगलमाल ।। *लयः साधु म जाणो इण चल गत सं १. पांच जीवां रा चउकसंजोगिया ४ विकल्प:
१, १, १,२ प्रथम विकल्प । १, १, २, १ द्वितीय विकल्प। १, २, १, १ तृतीय विकल्प।
२, १, १, १ तुर्य विकल्प । ६६ भगवती जोड़
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